बीते शनिवार यानी कि 10 दिसंबर को बांग्लादेश और भारत के बीच सीरीज का आखिरी निर्णायक मुकाबला खेला गया था। जहां पर टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सबको अपनी तरफ आकर्षित किया था। ईशान ने इस मुकाबले में न सिर्फ दोहरा शतक जड़ते हुए वनडे में अपना शानदार डेब्यू दर्ज कराया। बल्कि भारतीय टीम को एक मजबूत शुरुआत देने में भी अहम योगदान दिया।
जिसके बाद उनके बचपन के कोच उत्तम मजूमदार उनकी तारीफों के पुल बांधते हुए नजर आए और इसी के साथ उन्होंने एमएस धोनी से जुड़े एक किस्से का खुलासा कर दिया जिसको बेहद कम लोग जानते हैं।
ईशान किशन पर धोनी ने कही थी यह बात
ईशान किशन की शानदार दोहरी शतकीय पारी देखते हुए उनके कोच ने इस बात का खुलासा किया की
“ईशान के भारत में पदार्पण करने से पहले ही, मुझे पता है कि एमएस उनसे कहते थे कि अगर उनके जैसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी देश के लिए लंबे समय तक नहीं खेलता है, तो वह किसी और के साथ नहीं बल्कि खुद के साथ अन्याय करेंगे.”
“ईशान के बड़े भाई राज किशन भी बहुत टैलेंटेड क्रिकेटर थें. हालांकि उनके माता-पिता ने फैसला लिया कि एक लड़का स्पोर्ट्स में जाएगा, और दूसरा पढ़ाई करेगा. राज बड़ा था, इसलिए उन्होंने बलिदान दिया और मेडिकल ड्रिगी चुना। “
शुरुआती ट्रेनिंग पर दिया बयान
युवा बल्लेबाज ईशान किशन की शुरुआती ट्रेनिंग के बारे में बातचीत करते हुए उनके कोच ने बताया कि
“जब पहले दिन ईशान प्रशिक्षण के लिए आया, वह इतना छोटा था, कि मैंने उसे अंडर आर्म बॉल खिलाई और वह बच्चा सही कवर ड्राइव खेला. जिस क्षण मैंने छह साल के बच्चे के कुछ कवर ड्राइव देखे, मैंने प्रणव जी से कहा, आपका बेटा खास है और अगर वह भारत के लिए नहीं खेलता है तो वह दुर्भाग्यशाली होगा.”
जो बीत गया वो इतिहास बन गया
इसी के साथ उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाया और कहा कि
“आपने उन 10 छक्कों को देखा और आपने महसूस किया होगा कि इतने छोटे फ्रेम के बावजूद वह किस तरह की ताकत पैदा करते हैं. यह रातोंरात नहीं हुआ है. ऐसे महीनों के प्रशिक्षण होंगे, जब वह दो सत्रों में बल्लेबाजी करते थे और प्रतिदिन कम से कम 500 से 600 गेंदें नेट पर खेलते थे. उनमें से कम से कम 200 गेंदें डेडिकेटेड पावर-हिटिंग के बारे में थीं। मैं हमेशा उनसे कहता हूं कि जो बीत गया वह इतिहास है. मेरे लिए अतीत कभी मायने नहीं रखता और मैं हमेशा ईशान से यही कहता हूं.”