वर्ल्ड कप से पहले Team India के लिए बजी खतरे की घंटी, एक नहीं बल्कि 5 कारणों के चलते बढी रोहित और द्रविड़ की टेंशन

भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा एकदिवसीय मैच खेला गया, जिसमें Team India के बल्लेबाजों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। अगर पहले वनडे मैच की बात की जाए तो Team India किसी तरह 115 रन बनाने में कामयाब रही, जिसके जवाब में उतरी वेस्टइंडीज टीम 5 विकेट से इस मैच को गंवा बैठी। लेकिन दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में वेस्टइंडीज का प्रदर्शन दमदार रहा, वहीं भारतीय टीम मात्र 181 रन बना इस मैच को 6 विकेट से हार गई, जिसके चलते वेस्टइंडीज की टीम यह मैच जीत गई और सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली।

वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम को अधिकतम 10 एकदिवसीय मुकाबले खेलने हैं, अब ऐसी स्थिति में टीम के खराब प्रदर्शन के चलते कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की चिंताएं बढ़ चुकी है। भारतीय टीम की यह 5 कमियां कप्तान और कोच के लिए काफी भारी साबित हो सकती हैं। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं आगे।

वर्ल्ड कप से पहले Team India के लिए बजी खतरे की घंटी

1) ओपनर बल्लेबाज शुभमन गिल का इस वनडे सीरीज के दोनों मैचों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा। वह दोनों ही मैचों में फ्लॉप साबित हुए। वनडे क्रिकेट में शुभमन अवश्य दोहरा शतक जड़ चुके हैं, लेकिन वर्ल्ड कप से पहले उनके खराब प्रदर्शन के चलते टीम मैनेजमेंट की चिंताएं बढ़ गई हैं। पहले वनडे मुकाबले में वह सिर्फ 7 वही दूसरे वनडे मुकाबले में मात्र 34 रन ही बना सके। टेस्ट सीरीज में भी उनका कुछ ऐसा ही हाल रहा जी हां यह दिग्गज 50 रनों की पारी तक खेलने में नाकाम रहा, वही दूसरी तरफ ईशान किशन दोनों ही वनडे मुकाबलों में अर्धशतक जड़ अपनी स्थिति को मजबूत बना चुके हैं।

2) पहले वनडे मुकाबले में विराट कोहली के स्थान पर नंबर 3 पर सूर्यकुमार यादव को वही दूसरे वनडे मुकाबले में संजू सैमसन को मौका दिया गया, जहां संजू सैमसन 9 सूर्यकुमार 19 रन बनाने में कामयाब रहे। ऐसी स्थिति में टीम में किया गया यह परिवर्तन फ्लॉप साबित हुआ। दोनों ही बल्लेबाजों के फ्लॉप प्रदर्शन को देखते हुए अब यह साबित हो गया है कि वर्ल्ड कप में नंबर 3 की रिस्पांसिबिलिटी पूर्व कप्तान विराट कोहली को ही निभानी होगी।

3) भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर और विशेष रूप से नंबर 4 की बहुत अधिक चर्चाएं होती रहती हैं। साल 2019 वर्ल्ड कप के दौरान अंतिम समय अंबाती रायडू के स्थान पर विजय शंकर को मौका दिया गया था, जोकि भारतीय टीम के लिए काफी महंगा साबित हुआ। वही पहले वनडे में नंबर 4, पर हार्दिक पांड्या को मौका दिया गया और वह मात्र 5 रन ही बना सके। इसके साथ ही दूसरे मैच में अक्षर पटेल को इसी नंबर पर मौका दिया गया और वह मात्र 1 रन ही बना कर आउट हो गए।

4) बतौर ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का दोनों ही वनडे मुकाबलों में फ्लावर प्रदर्शन रहा है। जी हां वह इन वनडे मुकाबलों में अपने आप को साबित नहीं कर सके, इसके साथ ही युवराज सिंह द्वारा बतौर ऑलराउंडर काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। वही हार्दिक पांड्या पहले मैच में 1 विकेट अवश्य लेने में कामयाब रहे लेकिन बल्लेबाजी के दौरान वह मात्र 5 रन ही बना सके, वही दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में हार्दिक पांड्या पांचवें नंबर पर उतरे और मात्र 7 रन बनाकर आउट हो गए। इस मैच के दौरान हार्दिक पांड्या को एक भी विकेट नहीं मिल सका। दोनों ही मुकाबलों में हार्दिक 10 ओवर का कोटा तक पूरा करने में नाकाम रहे।

5) तेज गेंदबाज उमरान मलिक लगातार दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में एक भी विकेट लेने में नाकाम रहे। 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की काबिलियत रखने वाले उमरान मलिक से मिडिल ओवर्स में बेहतरीन प्रदर्शन करने की उम्मीद लगाई गई थी, लेकिन वह उम्मीदों पर खरे उतरने में नाकाम रहे। मोहम्मद समी, मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह जैसे धाकड़ गेंदबाजों की वापसी के बाद उमरान मलिक को मौका मिलना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। बुमराह बैक सर्जरी के चलते इस समय रिहैब में है, लेकिन जल्द ही मैदान पर वापसी कर सकते हैं।

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