Neeraj Chopra: 25 वर्षीय जैकलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का सम्मान और गौरव को कई गुना अधिक बढ़ा दिया है। वह ऐसे पहले भारतीय रहे, जिन्होंने यह कारनामा कर इतिहास रच डाला। आज तक ऐसा कारनामा करने का साहस किसी भी भारतीय में नहीं दिखा। इस उपलब्धि तक पहुंचने के लिए नीरज चोपड़ा ने महान एथलीट एंडरसन पीटर्स को भी कहीं अधिक पीछे छोड़ दिया है।
इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हुआ नाम
ओलंपिक चैंपियन एथलीट नीरज चोपड़ा का नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। 25 वर्षीय यह स्टार खिलाड़ी हरियाणा का रहने वाला है। वह सोमवार को पुरुषों की जैवलिन थ्रो रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक एथलीट बनने का गौरव हासिल करने में कामयाब रहा। इस गौरव को हासिल करने वाला वह भारत का पहला एथलीट बन गया है। इसके साथ ही महान एथलीट एंडरसन पीटर्स को भी उसने काफी पीछे छोड़ दिया है।
दोहा में जीता गोल्ड मैडल
हाल ही में नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 88.67 मीटर दूर भाला फेंकते हुए गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच डाला। इसी के चलते चोपड़ा रैंकिंग मैं पहले स्थान पर पहुंचने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वही ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट जाकूब वादलेच दूसरे स्थान पर काबिज रहे, जो 88 63 मीटर की दूरी पर भाला फेंकने में कामयाब रहे। वही वर्ल्ड चैंपियन रहे एंडरसन पीटर्स 88.63 मीटर की दूरी पर भाला फेंकते हुए तीसरे स्थान पर काबिज रहे थे।
टोक्यो ओलंपिक में बन गए चैंपियन
साल 2021 में नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक गेम्स में इतिहास रच बैठे थे। उस समय नीरज चोपड़ा ने ऐतिहासिक गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके साथ-साथ ना सिर्फ इतना बल्कि एथलेटिक्स में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा भारत के पहले एथलीट भी बन गए थे, उन्होंने तब 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका था, इसके बाद ज्यूरिख में प्रतिष्ठित डायमंड लीग में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। उनका मुख्य उद्देश्य ओलंपिक गेम्स में अपनी इसी निरंतरता को बनाए रखना है, जिनका आयोजन साल 2024 में होगा।