ईशांत शर्मा ने खोलें धोनी के छिपे राज, "कैप्टन कूल" MS Dhoni नहीं है कूल, मैदान पर देते हैं बहुत गालियां
ईशांत शर्मा ने खोलें धोनी के छिपे राज, "कैप्टन कूल" MS Dhoni नहीं है कूल, मैदान पर देते हैं बहुत गालियां

क्रिकेट जगत में MS Dhoni को उनके फैंस “कैप्टन कूल” के नाम से जानते हैं‌ कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी महेंद्र सिंह धोनी अपना धैर्य नहीं खोते और अपने स्वभाव में भी शांति बनाए रखते हैं। जब कभी कैमरे की नजर महेंद्र सिंह धोनी होती है उनके चेहरे पर कभी किसी प्रकार का कोई रिएक्शन नजर नहीं आता और ना ही किसी खिलाड़ी पर या किसी बात पर उन्हें कभी चिढ़ते देखा जाता है। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी को लेकर ईशांत शर्मा ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिस पर धोनी के फैंस का यकीन करना मुश्किल हो गया है।

ईशांत शर्मा ने खोल दिए धोनी के राज

हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी के स्वभाव को लेकर अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैप्टन कूल कहलाने वाले धोनी का अलग-अलग समय पर मूड किस तरह का हो सकता है। इसके साथ ही ईशांत शर्मा ने धोनी के यूट्यूब कोर्ट के सिक्स सेंस को लेकर भी अपनी बात कही। उन्होंने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी को कैप्टन कूल कहना सही नहीं होगा, वह मैदान पर जमकर गालियां देते हैं।

महेंद्र सिंह धोनी के पास है यह खास चीज

जब धोनी को लेकर इशांत शर्मा से पूछा गया कि क्या उनके पास कुल रहने के अतिरिक्त शिक्षण से भी खास चीज है तो जवाब में उन्होंने बताया कि,

‘माही भाई की स्ट्रैंथ कोई एक नहीं बल्कि बहुत सी है। मैदान पर वह अक्सर बहुत सी गालियां देते हैं, और मुझे तो बहुत बार दे चुके हैं। मैं यह बात उन्हें लेकर मजाक में कह रहा हूं, लेकिन उन्होंने मुझे हमेशा छोटे भाई के जैसा ही ट्रीट किया है। मैंने उनसे एक बार पूछ भी लिया कि आखिर आप मुझे इतना अधिक क्यों चढ़ाते हैं? तो जवाब में उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ उसी को चिढ़ाता हूं, जिससे मैं बेहद प्यार करता हूं। बल्कि मैं और किसी को कभी नहीं चिढाता। धोनी की यह बात सुनने के बाद मैं पूरी तरह से चिल हो गया’।

जो फील्ड पर करना है वह मुझे करना है

बस अभी इतने पर इशांत शर्मा नहीं रुके, बल्कि उन्होंने अपनी बात को जारी रखा और बताया कि मैं माही भाई के साथ आईपीएल में भी खेल चुका हूं। इसके साथ ही भारतीय टीम में भी खेल चुका हूं। इस दौरान वह बॉलिंग मीटिंग में कभी भी नहीं आते। उनका कहना है कि यह सारे काम तुम्हारे हैं, जो कुछ फील्ड पर करना है वह मुझे करना है। परिस्थितियां और विकेट कभी कुछ भी डिमांड कर सकती हैं, जिसके लिए हमेशा तैयार नहीं रह सकते। अक्सर मैदान पर आपको ओपन माइंड के साथ जाना पड़ता है, क्योंकि विकेट और परिस्थितियों के बदलने के हिसाब से ही फैसले लेने पड़ते हैं।

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