आजादी के बाद इस तरह से टीम इंडिया ने लहराया अपने नाम का परचम, दुनिया को बनाया खेल से अपना दीवाना
आजादी के बाद इस तरह से टीम इंडिया ने लहराया अपने नाम का परचम, दुनिया को बनाया खेल से अपना दीवाना

भारत को अंग्रेजों से आजादी 1947 में मिली थी। हालांकि उस समय पर क्रिकेट इतना ज्यादा लोगों के बीच में लोकप्रिय नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे क्रिकेट ने अपनी जगह बनाई और भारतीय लोगों के बीच में या काफी पसंदीदा खेल हो गया। भारत में आज हर एक घर में क्रिकेट का प्रेमी मौजूद है हालांकि शुरुआती दौर में वेस्टइंडीज टीम के पास ऐसे खतरनाक गेंदबाज मौजूद थे। जो सामने वाली टीम को धूल चटाने में माहिर हो।

लेकिन भारत के सुनील गावस्कर ने लोगों के भ्रम को तोड़ दिया और वेस्टइंडीज के खूंखार गेंदबाजों की जमकर धज्जियां उड़ाई कपिल देव की कप्तानी के दौरान 1983 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारत में क्रिकेट के प्रति क्रांति की और क्रिकेट को भारत एक पसंदीदा खेल के साथ-साथ धर्म भी माना जाने लगा।

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भारत में जो विदेशी सरजमीं पर जीता था वर्ल्ड कप

kapil dev team

70-80 के दशक में वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे खतरनाक टीम मानी जाती है। उसे हरापाना हर किसी के लिए बेहद मुश्किल होता था 1971 में टीम इंडिया वेस्टइंडीज के घर में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने गई थी और उस समय टीम इंडिया के कप्तान अजीत वाडेकर थे। तब टीम इंडिया के पास दौरे पर सुनील गावस्कर जैसे बल्लेबाज मौजूद थे।

सुनील गावस्कर ने इस टूर्नामेंट पर टीम इंडिया के लिए शानदार डेब्यू दर्ज किया था। उन्होंने वहां पर ऐसी खतरनाक बल्लेबाजी दिखाई कि दुनिया उनकी कायल हो गई भारत ने सीरीज को 1-0 से अपने नाम किया था और इस जीत के नायक बने सुनील गावस्कर 774 रन बनाए थे। जिसके बाद उस खिलाड़ी को मैन ऑफ द सीरीज का खिताब भी दिया गया था।

सन 1983 में जीता था भारत ने वर्ल्ड कप

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भारत ने 1983 वर्ल्ड कप का खिताब कपिल देव की कप्तानी के दौरान जीता था। इससे पहले वेस्टइंडीज ने 1975 और 1979 का वर्ल्ड कप अपने नाम किया था 1983 वर्ल्ड कप में कपिल देव ने अपनी तूफानी पारी खेली थी। उनकी बैटिंग देखकर हर कोई हैरान रह गया था

फाइनल में भारत का सामना वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीम से था लेकिन टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा और इस वर्ल्ड कप को अपने नाम किया। हालांकि इसका नतीजा यह है कि कपिल देव एंड कंपनी का यह कारनामा सभी के दिमाग में आज भी जिंदा है।

क्रिकेट की दुनिया का वह सुनहरा दौर

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भारत इस क्रिकेट की दुनिया का एक सुपर पावर है। भारत क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई यानी कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली बोर्ड है वही महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने साल 2007 का T20 वर्ल्ड कप साल 2011 का वर्ल्ड कप और साल 2013 का आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी अपने नाम की है।

धोनी ने ना सिर्फ क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। बल्कि वह इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्रॉफी को भारत को दिया है भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में है और पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया ने अपनी पकड़ को और ज्यादा मजबूत किया है भारत का स्वर्ण युग चल रहा है।

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