BCCI के इस फैसलें ने सभी को किया हैरान, सेंट्रल कांट्रेक्ट लिस्ट जारी करते हुए खिलाड़ियों में किया भेदभाव
BCCI के इस फैसलें ने सभी को किया हैरान, सेंट्रल कांट्रेक्ट लिस्ट जारी करते हुए खिलाड़ियों में किया भेदभाव

BCCI : साल 2022 की शुरुआत से लेकर के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी कि बीसीसीआई ने साल के आखिरी महीने तक कई सारे बड़े-बड़े फैसले किए हैं। जिससे भारतीय क्रिकेट में बदलाव के साथ-साथ एक अच्छा सुधार आ सके। जहां एक तरफ भारतीय पुरुष क्रिकेट में नए-नए युवा खिलाड़ियों को टीम में मौका दिया जा रहा है।

वहीं दूसरी तरफ महिला क्रिकेट में बड़ा फैसला लेते हुए महिला और पुरुष खिलाड़ियों की फीस को बराबर किया गया है। हालांकि इसके बाद बीसीसीआई ने महिला आईपीएल का भी ऐलान किया है। अब एक बार फिर से बीसीसीआई ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सबको हैरान कर दिया है तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर बीसीसीआई ने अब कौन सा बड़ा कदम उठाया है।

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महिलाओं के लिए होगा अंपायरिंग टेस्ट

दरअसल बीसीसीआई जल्द ही महिलाओं के लिए अंपायरिंग टेस्ट कराने वाली है। जिसके ड्राफ्ट की गई इसमें शामिल महिलाएं अब आप को घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग करती हुई भी दिखाई देंगी। जिन तीन महिलाओं को ड्राफ्ट के लिए चुना गया है। वह फिलहाल मैचों के दौरान ऑफिशिएट (स्कोरर का काम और बाकी कई तरह के ऑफ फील्ड काम ) करती हैं। रणजी ट्रॉफी में के इस साल होने वाले सीजन में ऑफिशिएट का काम करती हुई आपको दिखाई देंगी।

रणजी ट्रॉफी में महिलाएं करेंगी अंपायरिंग

बीसीसीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए जिन महिलाओं को इस बार रणजी ट्रॉफी में ऑफिशिएट करने के लिए चुना है। उसमें मुंबई की वृंदा राठी चेन्नई की जननी नारायण और गायत्री वेणुगोपालन शामिल है। आपको बता दें कि यह तीनों महिलाएं रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में ऑफिशिएट करने वाली है बीसीसीआई के अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए बताया है कि

“जल्द ही रणजी ट्रॉफी में महिला अंपायर्स भी नजर आएंगी. अगले सीजन के लिए वह महिला अंपायर्स की लिस्ट ड्राफ्ट करेंगे जिसमें शामिल महिलाएं अंपायरिंग टेस्ट पास करने के बाद घरेलू टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले पाएंगी”

पास करना होगा यह खास टेस्ट

दरअसल आपको बता दें कि बीसीसीआई ने जिन तीन महिलाओं को चुना है। उन्हें अंपायरिंग का यह खास टेस्ट पास करना होगा। जहां वृंदा राठी मुंबई के मैदानों पर स्कोरर का काम करती थी तो वहीं इसी दौरान को न्यूजीलैंड के अंतरराष्ट्रीय अंपायर कैथी क्रोस से मिली जिन्होंने वृंदा को अंपायरिंग में हाथ आजमाने की सलाह दी तो वही इस लिस्ट में शामिल चेन्नई की जननी नारायण एंपायर बनने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी है। इसके अलावा बात अगर गायत्री की करें तो वह क्रिकेटर बनना चाहती थी।

लेकिन उनके कंधे में चोट लग गई। जिसकी वजह से उनका यह सपना धूमिल हो गया। हालांकि उन्होंने क्रिकेट को खुद से दूर नहीं जाने दिया। वे लगातार इस फील्ड में काम करती रही। अब बीसीसीआई ने इन तीनों को रणजी ट्रॉफी में ऑफिशिएट करने का मौका मिला है। ऐसे में अगर यह महिलाएं बीसीसीआई का एंपायर इन टेस्ट पास कर लेती है। यह जल्द ही अगले साल अपने फैसले सुनाती हुई नजर आएंगी।

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