इन 5 प्रतिभाशाली Cricketers को मैदान पर चोटिल होने के चलते बहुत ही कम उम्र में लेना पड़ा सन्यास
इन 5 प्रतिभाशाली Cricketers को मैदान पर चोटिल होने के चलते बहुत ही कम उम्र में लेना पड़ा संन्यास

किसी भी Cricketer के लिए क्रिकेट में संन्यास लेना और डेब्यू करना बहुत ही भावुक क्षण होते हैं किसी भी खिलाड़ी के द्वारा सन्यास उस समय लिया जाता है, जब वह खेल में पहले जैसा प्रदर्शन ना कर पाने की स्थिति में होता है कई बार ऐसा भी सामने आया कि बिना किसी ठोस कारण के भी मैदान पर चोटिल होने के कारण कुछ क्रिकेटरों को क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा।

अभी हाल ही में 27 वर्षीय इंग्लैंड के होनाहर क्रिकेटर जेम्स टेलर रिट्रीटोजेनिक राईट वेंट्रिकुलर अरैंथिया नामक गंभीर ह्रदय समस्या के चलते उन्हें संन्यास लेने के लिए विवश किया गया है। 7 टेस्ट और 27 एकदिवसीय मैचों में यह खिलाड़ी इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व कर चुका है, और अपने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के चलते इंग्लैंड टेस्ट टीम के नियमित सदस्य भी बने रहे।

टेलर की इस भीषण समस्या के चलते उनका क्रिकेट करियर तो समाप्त हो गया, पर उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट जगत से पूरा समर्थन भी मिला है। क्रिकेट जगत के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां चोट और शारीरिक परेशानी के चलते किसी खिलाड़ी का करियर खत्म हो गया आज हम आपको ऐसे ही पांच क्रिकेटरों के बारे में बताएंगे।

नारी कांट्रेक्टर ने लिया संन्यास

भारतीय क्रिकेट टीम के नरीमन जमशेदजी कांट्रेक्टर नारी कांट्रेक्टर का इस लिस्ट में पहला स्थान शामिल है। जो साल 1962 में बारबाडोस के खिलाफ मैच खेलते समय एक गंभीर चोट का शिकार हो गए थे। जिसके चलते उनके क्रिकेट करियर पर संकट के बादल मंडराने लगे। जब चार्ली ग्रिफिथ द्वारा उन्हें गेंदबाजी की जा रही थी, उस समय अचानक से वह गेंद उनके सर पर जा लगी, जिसके चलते इमरजेंसी में उनके कई ऑपरेशन करने पड़े। 2 साल बाद जब उन्होंने क्रिकेट में अपनी वापसी करने की कोशिश भी की, लेकिन वह खुद को साबित करने में नाकाम रहे। अपने प्रथम श्रेणी के खेल में वह दोनों पारियों में शतक बनाने में कामयाब रहे।

ब्यावर केसन

ऑस्ट्रेलिया के प्रतिभाशाली स्पिनर ब्यावर केसन भी हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो गए थे। जिसके चलते नवंबर 2011 में मात्र 28 वर्ष की उम्र में यह खिलाड़ी क्रिकेट से संन्यास लेने को मजबूर हो गया था। इस भयंकर बीमारी के साथ ही इनका जन्म हुआ था, जिसके चलते बहुत ही कम उम्र में उन्हें सर्जरी से भी गुजरना पड़ा।

उनकी तबीयत “द टेट्रालॉजी आफ फैलोट”और सर्जरी के बाद अचानक बिगड़ गई थी। साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के लिए एक टेस्ट भी उन्होंने खेला था। चाइनामैन गेंदबाज ब्यावर केशन गेंद को बड़ा मोड देने की काबिलियत रखते थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए अपना पहला विकेट वह वेस्टइंडीज के बल्लेबाज जेवियर मार्शेल का ले सके थे। साल 2011 में अपनी गंभीर हृदय की बीमारी के चलते इस क्रिकेटर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

ज्योफ अलॉट

साल 1999 में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के ज्योफ अलॉट 20 विकेट झटकने में कामयाब रहे। जिसके चलते खिलाड़ियों की लिस्ट में वह दूसरे नंबर पर शामिल हो गए थे। पीठ पर लगातार लग रही चोटों ने उनके क्रिकेट करियर को हिला कर रख दिया था। इन्हीं कारणों के चलते 29 वर्ष की उम्र में ही इस क्रिकेटर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

बाएं हाथ का यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी न्यूजीलैंड के लिए 10 टेस्ट और 31 एकदिवसीय मैच खेला, और अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से एक नया मुकाम हासिल करने में कामयाब रहा। इसके अतिरिक्त 1999 के विश्व कप के दौरान इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड की धरती पर बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल के सफर तक पहुंचाया। लेकिन उनकी चोट के चलते एक आशा जनक करियर हमेशा के लिए खत्म हो गया।

डेविड लॉरेंस

क्रिकेट के मैदान पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक दर्दनाक चोटों में से एक का सामना किया गया जिसके चलते उसका करियर हमेशा के लिए खत्म हो गया 1992 में इस खिलाड़ी को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक गंभीर चोट का सामना करना पड़ा था।

जब लारेंस गेंदबाजी करने ही वाले थे, कि अचानक उनके बाएं घुटने में फैक्चर हो गया, जिसके चलते यह खिलाड़ी जमीन पर गिर गया, और बुरी तरह से रोने लगा। उनके और उनके दर्द के साथ उनकी कंपकंपी रोती हुई आवाज पूरे स्टेडियम में गूंजने लगी। डेविड ने बताया कि उनके घुटने के टूटने की आवाज एक पिस्टल शॉट की तरह थी। इस गंभीर चोट के कारण मात्र 29 साल की उम्र में ही एक आशाजनक करियर खत्म हो गया।

क्रेग किस्वेटर

साल 2010 में इंग्लैंड के होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज क्रेग किस्वेटर इस टी20 फाइनल में मैन ऑफ द मैच से सम्मानित हुए थे। नॉर्थम्पटनशायर के खिलाफ काउंटी खेल में समरसेट के लिए खेलते हुए इस खिलाड़ी की आंख में गंभीर चोट लग गई थी। जिसके चलते महज 27 वर्ष की उम्र में ही इन्हें क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा था।
एक गेंदबाज द्वारा गेंदबाजी के दौरान हेलमेट पहनने के बाद भी क्रेग किस्वेटर की नाक पर जा लगी। जिसके चलते उनकी नाक टूट गई और आंख में गंभीर चोट लग गई हालांकि इस चोट के बाद फिर से उन्होंने मैदान पर अब अपनी वापसी की लेकिन उनका प्रदर्शन पहले की तरह नहीं रहा।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टी20 फाइनल में किस मैटर द्वारा 49 गेंदों में 63 रन बनाए गए। क्योंकि उस दौरान इंग्लैंड अपना पहला बड़ा आईसीसी खिताब हासिल करने में कामयाब रही थी।

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