डेब्यू Test Match और अंतिम Test Match में शतक जड़ने वाले 3 बल्लेबाज

देश के प्रत्येक खिलाड़ी की अपने देश के लिए Test Match के दौरान शतक लगाने की इच्छा होती है। अगर यह शतक पहले ही मैच के दौरान जड़ दिया जाए, तो यह जीवन भर के लिए यादगार बन जाता है। और इसके साथ ही एक खिलाड़ी को विश्व क्रिकेट में एक नई पहचान भी मिल जाती है। कई खिलाड़ी तो ऐसे रहे हैं, जिन्हें शतक बनाने के लिए संघर्ष करते देखा गया। इसके साथ ही कुछ नाम ऐसे भी रहे, जिनके द्वारा शतक जड़ना कोई बहुत अधिक मुश्किल काम नहीं है।

इस मुकाबले के दौरान सचिन तेंदुलकर का नाम लिस्ट में सबसे आगे है। जिनके द्वारा अपने टेस्ट करियर के दौरान 51 शतक जड़े जा चुके हैं, इसके साथ ही जैक्स कैलिस, रिकी पोटिंग, कुमार संगकारा और राहुल द्रविड़ द्वारा भी अपने टेस्ट करियर के दौरान कई शतक लगाए गए हैं।

वहीं कुछ ऐसे भी क्रिकेटर हुए, जिनके द्वारा अपने करियर के दौरान शतक तो जड़े गए, लेकिन उनके द्वारा डेब्यू मैच के बाद विदाई मैच में शतक जड़कर खास उपलब्धि हासिल की जा सकी। वही पदार्पण के बाद अंतिम टेस्ट के दौरान शतक जड़ने वाले खिलाड़ियों का भी खास नाम रहा है। क्योंकि यह खिलाड़ी एक बेहतरीन अंदाज के साथ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करते हुए अंत में इसे बरकरार रखते हुए शतक के साथ ही विदाई लेने में कामयाब रहे। बिल पोंसफॉर्ड और रेगिनल डफ द्वारा पहले टेस्ट के बाद अंतिम मैच में शतक जड़ा गया है, लेकिन इस आर्टिकल में उनका कहीं जिक्र नहीं है।

ग्रेग चैपल

साल 1970 में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान चैपल द्वारा अपने डेब्यू टेस्ट मैच के दौरान शतक जड़ा गया था। इंग्लैंड के खिलाफ पर्थ में खेले गए इस मुकाबले के दौरान चैपल द्वारा 108 रनों की पारी खेली गई। अपने 14 साल के लंबे करियर के दौरान वह अपना अंतिम मैच पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में खेले। 1984 में खेले गए इस मैच के दौरान वह 182 रन बनाने में कामयाब रहे। इस तरह वह अपने करियर के अंत में एक अनोखी उपलब्धि हासिल करने में कामयाब रहे। भारतीय टीम के कोच पद पर भी ग्रेग चैपल रह चुके हैं। उनका खासा विवाद सौरभ गांगुली (दादा) के साथ चर्चा में रहा था।

मोहम्मद अजहरुद्दीन

भारत के लिए साल 1984 में इस पूर्व भारतीय कप्तान द्वारा ईडन गार्डंस में अपने करियर की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ की गई थी। 110 रनों की पारी के साथ अपने खाते की शुरुआत करने वाले इस खिलाड़ी द्वारा 2000 में अपना अंतिम मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गया था। जिसमें वह 102 रनों की पारी खेलने में कामयाब रहे। इस तरह वह अपने करियर के दौरान एक खास उपलब्धि हासिल करने में कामयाब रहे।

एलिस्टेयर कुक

गस खिलाड़ी द्वारा इंग्लैंड के लिए अपने करियर की शुरुआत तो भारत के खिलाफ की गई, इसके साथ ही भारतीय टीम के खिलाफ अंत भी किया गया। साल 2006 में नागपुर में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कुक द्वारा नाबाद 104 रन बनाए गए। उन्होंने अपना अंतिम मैच ओवल में खेला, और अंतिम टेस्ट पारी के दौरान 147 रन बनाने में कामयाब रहे। भारतीय स्पिनर हनुमा विहारी द्वारा इस खिलाड़ी को अपना शिकार बनाया गया। उनका भारत के खिलाफ रिकॉर्ड बहुत ही शानदार रहा है।

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