भारतीय सेना से करते हैं प्यार, 11 साल पहले कारगिल में MS Dhoni ने कर दिखाया यह कारनामा

भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ था, जिसके समाप्त हुए अब 24 साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी इस युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni को भारतीय सेना और कारगिल युद्ध से विशेष लगाव रहा है। अब से 11 साल पहले धोनी 5 दिन के लिए जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए हुए थे, उसी बीच उन्होंने कारगिल का दौरा भी किया और कारगिल पहुंचकर उन्होंने जो कुछ भी किया उससे वह सबके दिलों में छा गए। उनके लिए लोगों के मन में और भी प्यार और सम्मान बढ़ गया।

उस समय धोनी को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक मिली थी, किसके साथ साथ क्रिकेट के मैदान पर उन्होंने हेलीकॉप्टर शॉट भी लगाया था, जिसके चलते जब धोनी सेना के सद्भावना दूत बनकर असली हेलीकॉप्टर से कारगिल के हेलीपैड पर पहुंचे तो उनका स्वागत ब्रिगेडियर शमी राज द्वारा किया गया था। धोनी उनके साथ कारगिल युद्ध स्मारक भी गए, जहां उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ जंग में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

धोनी ने कारगिल में बढ़ाया सेना का हौसला

महेंद्र सिंह धोनी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, और इसके साथ ही उन्होंने सैनिकों के बलिदान को नमन करने के बाद अधिकारियों और जवानों से बातचीत कर उनका धैर्य और हौसला बढ़ाया। उस समय उन्होंने भारतीय सेना के इरादों को नमन किया और कहा कि जिन कठिन परिस्थितियों में हमारे जवान डटकर हमारे देश की सुरक्षा करते हैं वह सचमुच बेहद काबिले तारीफ है।

इसके साथ ही भारतीय सेना के प्रवक्ता द्वारा भी धोनी के दौरे की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि लद्दाख जैसे क्षेत्रों में भारतीय सेना के जवानों को काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ता है, ऐसी स्थिति में धोनी का यहां आना और जवानों से बातें करना उनके मनोबल को बढ़ाने की सबसे बड़ी दवा साबित होगी।

ट्रेनिंग से ड्यूटी तक ….. धोनी ने भारतीय सेना के साथ किया सब कुछ

धोनी का सेना के प्रति लगाव लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके आगे बढ़कर उन्होंने आर्मी की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ली। धोनी को भारतीय सेना के साथ-साथ पैराग्लाइडिंग में भी महारथ हासिल है। सेना के जवानों के साथ 15 दिनों तक एके-47 लेकर देश की सीमा पर भी तैनात रहे। ऐसा उस समय हुआ जब 4 साल पहले उनकी ड्यूटी कश्मीर में लगी थी, ऐसी स्थिति में देश के प्रति उन्होंने अपने फर्ज को बखूबी निभाया, और इन सब चीजों का उन्हें काफी करीब से सीखने और अनुभव करने का मौका भी मिला।

 

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पहला प्यार रहा क्रिकेट लेकिन भारतीय सेना के लिए है हरदम तैयार

हालांकि महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से बेतहाशा प्यार करते थे और उनका पहला प्यार क्रिकेट ही है, लेकिन फिर भी आज भी उनके दिल के किसी न किसी कोने में भारतीय सेना के लिए प्यार और सम्मान बरकरार है जो उनके दिल पर उमड़ता रहता है। भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने के अगले ही साल धोनी ने कारगिल में जो कर दिखाया वह भी भारतीय सेना के लिए उनका उमड़ता प्यार ही था।

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