Test Cricket के दौरान एक मैच में कप्तानी करने वाले ये भारतीय खिलाड़ी

प्रत्येक देश के खिलाड़ी के लिए Test Cricket में खेलने के अतिरिक्त टीम की कप्तानी करना एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण बात मानी जाती है। भारतीय क्रिकेट टीम में टेस्ट क्रिकेट के दौरान कई ऐसे खिलाड़ी आए। जिनके द्वारा खेलने के अतिरिक्त टीम की कप्तानी करते हुए भी बहुत बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। यहां किसी भी खिलाड़ी की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट को ही माना जाता है, हर खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना सबसे पहले देखता है।

एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले भारतीय खिलाड़ी

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक 35 कप्तान हो चुके हैं जिनमें कुछ ऐसे भी कप्तान रहे, जिन्हें पूर्ण रूप से टीम की कप्तानी करने का चांस मिला सका, और साथ ही कुछ ऐसे भी नाम रहे हैं, जो लंबे समय तक टीम की कमान नहीं संभाल सके। कई ऐसे भी टेस्ट कप्तान रहे, जिनका रिकॉर्ड काफी बेहतरीन रहा है। वहीं इसके साथ कुछ ऐसे भी नाम सामने आए, जिन्हें बहुत अधिक सफलता मिल सकी।

क्रिकेट की कप्तानी के दौरान एक खिलाड़ी के रूप में बेहतरीन करने वाला व्यक्ति भी अपनी कप्तानी में फ्लॉप साबित हो गया। एक खिलाड़ी के रूप में बेहतरीन करने वाले व्यक्ति भी टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से फ्लॉप नजर आ रहे हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हुए जिन्हे भारतीय टीम के लिए मात्र एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी करने का चांस मिला।

पंकज रॉय

1959 में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर दूसरे टेस्ट मैच के दौरान पंकज राय को कप्तानी करने का चांस मिल सका था। भारतीय टीम को इंग्लैंड की टीम इस मुकाबले में शिकस्त देने में कामयाब रही थी। इसके बाद दोबारा कभी पंकज राय को टीम की कप्तानी की बागडोर नहीं सौंपी गई। उस समय सीरीज के दौरान भारतीय टीम को 5-0 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।

हेमू अधिकारी

भारतीय टीम के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ 1958 – 59 की घरेलू सीरीज के दौरान हेमू अधिकारी को कप्तानी करने का चांस मिल सका था। लेकिन यह मुकाबला ड्रॉ रहा था। जिसके बाद उन्हें टीम की कप्तानी करने का चांस दोबारा कभी नहीं मिल सका। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान टीम इंडिया द्वारा चार कप्तान बदले गए।

चंदू बोर्डे

भारतीय टीम के लिए पहले टेस्ट मैच के दौरान इंग्लैंड दौरे पर 1967 में चंदू बोर्डे द्वारा टीम के लिए कप्तानी की गई थी। उन्हें मंसूर अली खान पटौदी की अनुपस्थिति में टीम का कप्तान बनाया गया था। इस मैच के दौरान एक पारी और 4 रनों से भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलियाई टीम द्वारा हराया गया था। इसके बाद दोबारा उन्हें कप्तान बनने का चांस नहीं मिल सका।

रवि शास्त्री

एक बार टेस्ट मैच के दौरान भारतीय टीम के लिए रवि शास्त्री द्वारा भी कप्तानी की गई थी। रवि शास्त्री ने 1988 में चेन्नई टेस्ट मैच में टीम की कप्तानी की थी। नरेंद्र हिरवानी पदार्पण करते हुए पहली पारी में 8 विकेट लेने के बाद दूसरी पारी में 8 विकेट लेने में कामयाब रहे। उनके द्वारा मैच के दौरान चटकाए गए 16 विकेट डेब्यू टेस्ट में श्रेष्ठ हैं भारत इस मैच में जीत हासिल करने में कामयाब रहा।

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