IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम ने 2-0 से अपनी बढ़त को आगे किया है। नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 132 रनों से हराया था तो वहीं दूसरे टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। वैसे तो कंगारू टीम के ज्यादातर बल्लेबाज भारतीय पिचों पर काफी असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भारतीय पिच पर स्पिन को बढ़िया तरीके से खेला और रन भी बनाए
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पीटर हैंड्सकॉम्ब ने कहीं बड़ी बात
दरअसल पीटर ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बातचीत करते हुए कहा कि
‘रहाणे अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते हुए स्पिनरों को आसानी से मिडविकेट की ओर खेल रहे थे. मैं हैरान था. स्पिनरों के खिलाफ रहाणे की बल्लेबाजी देखकर मैं सोच रहा था कि मुझे यह सिखाने के लिए किसी की जरूरत है. मैंने उनसे स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी में कदमों के इस्तेमाल के तरीके पर बातचीत की।
इससे रन बनाने में मिलती है मदद
पीटर यहीं नहीं रुके उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाया और कहा कि
“जब आप अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते है तो इससे रन बनाने में मदद मिलती है. अगर गेंद विकेट के करीब टप्पा खा रही है तो आप अगले पैर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अच्छी गेंदों पर डिफेंसिव होते हुए आपको गेंद का सम्मान करना होगा। “
इन परिस्थितियों में मुझे गच्चा खाने पर मजबूर कर दिया
दिल्ली में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में पीटर 142 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 72 रनों की पारी खेली तो वहीं दूसरी पारी में स्वीप शॉट लगाने की कोशिश मैं वह बिना खाता खोले ही एलबीडब्ल्यू आउट हो गए जिस पर उन्होंने कहा कि
‘भारत ने इन परिस्थितियों में मुझे गच्चा खाने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने मुझे दौड़कर रन बनाने का मौका नहीं दिया लेकिन चौका लगाने का लालच दिया. मैं उनकी इस चाल में फंस गया. मैं क्रीज पर शायद इस सोच के साथ उतरा था कि मैं अब भी 72 रन पर नाबाद हूं और वहीं से अपनी पारी शुरू कर रहा हूं जहां मैंने पहली पारी में छोड़ा था.’
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