भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आगाज 6 अक्टूबर से हो जाएगा। जिसे 11 अक्टूबर तक खेला जाएगा इस वनडे सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है। ऐसे में टीम इंडिया की वनडे सीरीज में पहली बार एक ऐसे खिलाड़ी को खेल दिखाने का मौका मिला है। जिसने अपने प्रोफेशन करियर के दौरान शुरुआती दिनों में तीन बार सेना के टिप्स दिए। लेकिन वहां उनका सेलेक्शन नहीं हुआ जिसके बाद इस खिलाड़ी की किस्मत बदली और इसको भारत की वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला।
आपको बता दें कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए पहली बार टीम इंडिया की वन डे इंटरनेशनल टीम में खेलने का मौका मिला है।
पूरी तरह से बदली खिलाड़ी की किस्मत
दरअसल इस खिलाड़ी ने सही समय पर सिलेक्टर्स को इंप्रेस किया। पहले वह न्यूजीलैंड के खिलाफ फर्स्ट क्लास मैच में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे हैं और फिर उन्होंने ईरानी कप में शानदार गेंदबाजी की आपको बता दें कि मुकेश कुमार ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों में 9 विकेट अपने नाम किए हैं और इस साल हुई रणजी ट्रॉफी में भी बंगाल के लिए बीच में इस खिलाड़ी ने लिए थे। मुकेश कुमार ने ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत के खिलाफ शनिवार को चार विकेट लेकर अहम भूमिका निभाई थी। जिससे सौराष्ट्र की टीम पहले पारी के दौरान 100 रनों के अंदर ही सिमट कर रह गई थी।
सेना के टेस्ट में मिला 3 बार रिजेक्शन
मुकेश कुमार के लिए क्रिकेट की दुनिया में आना इतना आसान नहीं था। मुकेश पहले गोपालगंज में क्रिकेट खेलते थे और उनका प्रदर्शन काफी अच्छा था वह बिहार के लिए अंडर-19 क्रिकेट भी खेल चुके हैं। जिसके बाद उनके पिता ने नौकरी के लिए उन्हें कोलकाता बुलाया मुकेश के पिता कोलकाता में ऑटो चलाते थे आपको बता दें कि मुकेश कुमार ने सीआरपीएफ एंट्री के लिए जमकर मेहनत की थी और उसके बाद उन्होंने तीन बार अपना मेडिकल टेस्ट भी कराया था। जिसमें वह फेल हो गए। इसके बाद कोलकाता पहुंचे और कोलकाता में पहुंचने के बाद खिलाड़ी ने क्रिकेट खेलना शुरू किया।
टीम इंडिया के सेलेक्शन पर मां ने कहीं यह बड़ी बात
मुकेश ने टीम इंडिया में सेलेक्शन के बाद कहा है कि मैं बहुत बुरी तरीके से भावुक हो गया था। मुझे सब कुछ धुंधला सा लग रहा था। मुझे सिर्फ अपने दिवंगत पिता काशीनाथ सिंह का चेहरा ही याद आ रहा था। जब तक मैं बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी में नहीं खेला था। पर मेरे पिता को नहीं लगा कि पेशेवर तौर पर क्रिकेट खेल सकता हूं। हालांकि उन्हें बार-बार शक था कि वह के लिए काबिल भी हूं या नहीं मुकेश ने कहा कि आज मेरी मां की आंखों में आंसू थे। वह भी काफी ज्यादा भावुक हो गई। घर पर भी सब लोग इमोशनल हो गए थे और सब ने रोना शुरू कर दिया है।