कोहली, बुमराह फिटनेस के लेते है नकली फिटनेस इंजेक्शन’, चेतन शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन ने क्रिकेट में मचाई खलबली
कोहली,बुमराह फिटनेस के लेते है नकली फिटनेस इंजेक्शन’, चेतन शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन ने क्रिकेट में मचाई खलबली

भारतीय क्रिकेट टीम और बोर्ड दोनों में समय भूचाल सा मचा दिखाई दे रहा है। दरअसल सीनियर टीम के चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा का एक स्टिंग ऑपरेशन इस समय सोशल मीडिया पर काफी तहलका मचा रहा है। इस वीडियो में पूर्व क्रिकेटर चेतन शर्मा ने एक नहीं बल्कि कई सारे आश्चर्यजनक खुलासे किए हैं उन्होंने बताया है कि किस तरीके से खिलाड़ी फिट रहने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। किस तरीके से दो खिलाड़ियों के बीच अहंकार की लड़ाई होती है चलिए आपको बताते हैं स्टिंग से जुड़े कुछ अहम बातें।

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फिटनेस हासिल करने के लिए लेते हैं इंजेक्शन का सहारा

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में चेतन शर्मा ने साफ तौर पर बताया है कि किस तरीके से खिलाड़ी अपनी फिटनेस को हासिल करने के लिए इंजेक्शन का सहारा ले कर के खुद को फिट बताते हैं और खेलने की बात करते हैं चेतन शर्मा ने कहा है कि

‘मैं पेनकिलर के बारे में नहीं इंजेक्शन के बारे में बात कर रहा हूं. अगर वे पेनकिलर लेते हैं तो वह डोपिंग में आ जाएगा. टीम इंडिया के खिलाड़ी इस बात से वाकिफ हैं कि डोपिंग रोधी में कौन से इंजेक्शन आते हैं. जसप्रीत बुमराह झुकने में असमर्थ थे, क्योंकि उन्हें एक बड़ी चोट लगी थी, इसके अलावा एक या दो खिलाड़ी हैं जो निजी तौर पर इंजेक्शन लेते हैं और कहते हैं कि वे खेलने के लिए फिट हैं.’

विराट कोहली और सौरव गांगुली की अहंकार की लड़ाई

दरअसल जब विराट कोहली को कप्तानी से हटाया था तो कोहली को लगा था कि शायद उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष गांगुली की वजह से कप्तानी से हटाया गया है जबकि चयन समिति की वीडियो कांफ्रेंस में 9 लोग मौजूद थे और गांगुली ने कहा था कि

‘इस बारे में एक बार सोच लो’. मुझे लगता है कि विराट कोहली ने इस बात को नहीं सुना. वहां 9 अन्य लोग थे, जिनमें मैं और अन्य सभी चयनकर्ता, बीसीसीआई अधिकारी शामिल थे. कोहली ने शायद उन्हें नहीं सुना होगा.’

विराट की खराब फॉर्म की बनाई आड़

चेतन शर्मा यहीं नहीं रुके उन्होंने बताया कि किस तरीके से बीसीसीआई ने विराट की खराब फॉर्म का फायदा उठाया और कहा कि

‘हम एक कप्तान के रूप में रोहित का पक्ष नहीं ले रहे थे, हम सिर्फ विराट कोहली के खिलाफ थे. बीसीसीआई ने विराट की खराब फॉर्म का फायदा उठाया और उन्हें कप्तानी से हटा दिया. उन्हें देश के नंबर एक बल्लेबाज के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था. सच्चाई ये थी कि बात हो रही थी और विराट कोहली ने ही उसे नहीं सुना. कमरे में 8/9 लोग बैठे थे और बात हो रही थी. सौरव गांगुली ने कहा था. विराट झूठ बोल रहे थे. लेकिन विराट ने झूठ क्यों बोला, ये आज तक कोई नहीं जानता. यह उनका निजी मामला है.’

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