ICL के कारण पांच खिलाड़ियों का करियर हो गया बर्बाद, लिस्ट में भारतीय नाम भी शामिल
ICL के कारण 5 खिलाड़ियों का करियर हो गया बर्बाद, लिस्ट में भारतीय नाम भी शामिल

किसी समय इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) नामक एक लीग की शुरूआत हुई, जो क्रिकेट में मताधिकार प्रणाली की शुरुआत कर सकी। इह लीग को दुनिया भर से युवा प्रतिभाओं को उभारने और अनुभवी क्रिकेटरों को खेल में वापसी करने के लिए मंच प्रदान करने के इरादे के साथ खेला जाता था।

अपने पहले सीजन के दौरान यह निराशाजनक शुरुआत करने में कामयाब रही, लेकिन कुछ दिनों बाद ही यह लीग आशाओं पर खरी उतरने में नाकाम साबित हुई, क्योंकि बीसीसीआई और आईसीसी द्वारा टूर्नामेंट के किसी भी हिस्से का समर्थन नहीं किया गया और इस लीग को गैरकानूनी बताया गया।

अपने खिलाड़ियों पर विभिन्न देशों के क्रिकेट बोर्ड द्वारा प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया गया ताकि उन खिलाड़ियों को लीग में शामिल होने से रोका जा सके बना दी गई। कई खिलाड़ियों के कैरियर का आईपीएल खेलने का फैसला काफी महंगा साबित हुआ।

इस आर्टिकल के जरिए ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका आईपीएल खेलने से करियर खत्म हो गया था।

आफताब अहमद का करियर आईसीएल ने किया बर्बाद

मात्र 19 वर्ष की उम्र में बांग्लादेश के लिए पदार्पण करने वाले आफताब अहमद एक अच्छे खिलाड़ी थे उन्होंने 85 वनडे और 16 टेस्ट मैच खेलें लेकिन आईपीएल खेलने के चलते फिर से इस खिलाड़ी को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिल सका।

आफताब अहमद देश के उन चमकते सितारों में से एक थे, जिनके द्वारा बांग्लादेश क्रिकेट को बुलंदियों तक पहुंचाया जा सकता था, उनमें यह काबिलियत मौजूद थी।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड द्वारा विद्रोही लीग (ICL) में शामिल होने वाले खिलाड़ियों पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया था। इनका नाम भी ऐसे ही प्रतिबंधित खिलाड़ियों में शामिल था, उन्होंने राष्ट्रीय टीम के साथ साथ अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भी खेलने के लिए काफी संघर्ष किया। लेकिन फिर भी वह कामयाब नहीं हो सके, और 29 वर्ष की अवस्था में ही क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर बैठे।

रोहन गावस्कर

सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर का करियर भी (ICL) के चलते ही बर्बाद हो गया था। भारतीय टीम के लिए साल 2004 में खेलने वाले रोहन गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के विरुद्ध मैच के दौरान अर्धशतक जड़ा था, लेकिन इससे अधिक रन बनाने में वह नाकाम साबित हुए। कई मैच खेलने के बाद ही रोहन आईपीएल में खेलने का निर्णय कर सके।

साल 2004 में वह आस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के लिए अपना पदार्पण कर सकें। इस दौरे पर वह एक बड़ी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। वह मात्र एक अर्धशतक ही जड़ सकें, जो पूरे अंतरराष्ट्रीय कैरियर के दौरान उनका एक शतक बनकर ही रह गया। भारत के लिए वह 11 एकदिवसीय मैच खेले और इस दौरान उनका अंतरराष्ट्रीय करियर केवल 8 महीनों तक ही चल सका।

साल 2007 में रोहन आईपीएल में भी शामिल हुए, लेकिन यहां भी अपनी एक स्थाई छाप छोड़ने में नाकाम रहे। इनका नाम 69 खिलाड़ियों में शामिल था जिन्हें बीसीसीआई की तरफ से माफी दी गई थी। राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे, लेकिन इस मौके को भुनाने में नाकाम साबित हुए। इसके बाद साल 2012 में संन्यास लेने से पहले वह आईपीएल के दौरान कुछ मैच खेल सके।

जस्टिन केम्प

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान जस्टिन केंप आईसीएल में उस समय शामिल हुए जब मैं अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दौर से गुजर रहे थे।

जब वह ICL में शामिल हुए, उस समय यह साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान और हार्ड हिटिंग बल्लेबाज अपने करियर के चरम स्तर पर थे। लेकिन उनके इस फैसले ने उनके कैरियर को बर्बाद कर दिया।

दक्षिण अफ्रीका के लिए वह वनडे मैच खेलें मध्य और निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए 8312 की स्ट्राइक रेट के साथ 3150 का निकाला इसके अतिरिक्त उनके द्वारा चार टेस्ट और 8 T20 में अपनी टीम की कप्तानी की गई इस प्रतिबंध को हटाया गया। वापस राष्ट्रीय टीम में आ गए लेकिन हालात पहले जैसे नहीं रह गए थे।

मोहम्मद शमी

पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का नाम उन पाकिस्तानी खिलाड़ियों में शामिल है, जो अपनी गेंदबाजी से पूरे विश्व में अपनी एक अलग ही छाप छोड़ने में कामयाब रहे। अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान यह खिलाड़ी कुल 220 विकेट चटकाने में कामयाब रहा। इसके बाद ICL में शामिल होने के बाद उनके खेल पर ब्रेक लग गया, जिससे वह कभी बाहर नहीं आ सके।

हमेशा से ही बेहतरीन गेंदबाजी के लिए पाकिस्तान को जाना जाता है। साल 2001 में अपने पदार्पण के बाद मोहम्मद शमी अंतरराष्ट्रीय करियर में 220 विकेट लेने में कामयाब रहे। अब तक वह पाकिस्तान के खिलाफ हुए 36 टेस्ट, 87 वनडे और 7 टी20 खेल चुके हैं। अभी हाल ही में पाकिस्तान T20 में जिंबाब्वे के खिलाफ उन्होंने वापसी की थी।

शेन बांड

किसी समय न्यूजीलैंड के सबसे सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शामिल शेन बांड अपनी तेज गेंदों के चलते कई बार टीम को जीत दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं। हालांकि यह खिलाड़ी ICL में हिस्सा लेने के बाद भी टीम के लिए उपलब्ध रहे, लेकिन चोट के कारण इनका करियर पूर्ण रूप से समाप्त हो गया था।

क्रिकेट में उनकी कहानी अब तक की सबसे दुखद कहानियों में शामिल है। वह 18 टेस्ट में 22.09 की औसत से 87 विकेट चटकाने में कामयाब रहे। इसके साथ-साथ एकदिवसीय मैचों में 82 मैचों में 20 88 की औरत और 147 विकेट के साथ उन्होंने 20 टी-20 ‌भी खेले।

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