इन तीन Cricketers का करियर उनके पिता से भी अधिक रहा कामयाब
इन 3 Cricketers का करियर उनके पिता से भी अधिक रहा कामयाब

Cricketers : Cricket के इतिहास में कई ऐसे मौके सामने आए, जब एक ही टीम की तरफ से दो भाइयों को खेलते हुए देखा गया। जिसमें सबसे सफल नाम स्टीव वॉ- मार्क वॉ और चैपल (इयान, ग्रेग,और ट्रेवर) हैं।

इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई पिता-पुत्र की मशहूर जोड़ियां भी खेली हैं। जिनमें सुनील गावस्कर और उनके बेटे रोहन गावस्कर का नाम शामिल है। जोकि भारत की पिता पुत्र को लेकर सबसे लोकप्रिय जोड़ी थी। लेकिन अगर सुनील गावस्कर की तुलना में उनके पुत्र को देखा जाए, तो रोहन इतने अच्छे क्रिकेटर साबित नहीं हो सके हैं, जितने कि उनके पिता हैं।

कुछ ऐसी ही स्थिति रोजर बिन्नी और उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी की भी रही है, जहां रोजर बिन्नी का रिकॉर्ड काफी बेहतरीन रहा और वह ऊंचाइयों के शिखर तक बढ़ते चले गए। वहीं उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी उनके जैसी ऊंचाइयों को हासिल कर पाने में नाकाम साबित हुए। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ मार्श के बेटे शान मार्श और मिचेल मार्श दोनों आज के समय के सबसे कामयाब क्रिकेटर हैं। आइए डालते हैं एक नजर ऐसे ही पिता पुत्र की जोड़ी पर, जिनके बेटे अपने पिता से अधिक सफल क्रिकेटर बन सके।

वॉल्टर हैडली और रिचर्ड हैडली

दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों में शामिल न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली टेस्ट क्रिकेट के दौरान 400 विकेट लेने वाले पहले खिलाड़ी थे। इसके अतिरिक्त हैडली एक धुरंधर बल्लेबाज भी थे। जिसके चलते उनका नाम कपिल देव, इमरान खान और इयान बाथम जैसे ऑलराउंडर खिलाड़ियों में लिया जाता है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ सन 1985 – 86 में हैडली का सबसे शानदार प्रदर्शन देखने में आया था। ब्रिसबेन में हुए इस मैच के दौरान उनके द्वारा 15 विकेट लिए गए, उन्हें न्यूजीलैंड की सरकार द्वारा 1990 में नाइटहुड सम्मान भी दिया गया था।

वाल्टर हैडली के पिता द्वारा न्यूजीलैंड के लिए मात्र 11 मैच खेले गए थे। इसके साथ ही वह एक खिलाड़ी के अतिरिक्त कप्तान, चयनकर्ता और टीम के मैनेजर भी रह चुके थे। क्राइस्टचर्च में जन्मे वाल्टर हैडली रग्बी और क्रिकेट दोनों ही खेलते थे। उनकी कप्तानी में कीवी टीम द्वारा 1937 में दौरा किया गया था। उनके द्वारा अपना आखिरी मैच 1951 में खेला गया था। इसके साथ-साथ उनके नाम एक शतक भी दर्ज था।

पीटर पोलक और शॉन पोलक

अपने समय के बेहतरीन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर शॉन पोलक द्वारा एलन डोनाल्ड के साथ लंबे समय तक दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजी का जिम्मा उठाया गया था। 90 के दशक में पोलक बल्लेबाजों के लिए किसी बुरे दुस्वप्न से कम नहीं थे। उनके द्वारा हैंसी क्रोनिए के बाद टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी भी उठाई गई थी। 108 टेस्ट मैचों के दौरान वह दक्षिण अफ्रीका की तरफ से 421 विकेट लेने में कामयाब रहे, जो कि एक रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा 33 की औसत से रन भी बनाए गए, उनके नाम वनडे में 393 विकेट दर्ज है।

दक्षिण अफ्रीका की तरफ से शान पोलक के पिता पीटर पोलक भी बतौर तेज गेंदबाज खेलते थे। हालांकि उनमें अपने बेटे के जितनी दमदार प्रदर्शन की क्षमता मौजूद नहीं थी। उनके द्वारा 28 टेस्ट मैचों के दौरान 116 विकेट लिए गए। इस दौरान उनका बेहतरीन प्रदर्शन 38/6 था।

योगराज सिंह और युवराज सिंह

भारत के महानतम ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह द्वारा साल 2000 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपने डेब्यू मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रनों की पारी खेली गई थी। उसके बाद युवराज भारतीय टीम के नियमित सदस्य बन गए उन्होंने अपने करियर के दौरान भारत के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं। 2002 में कैफ के साथ नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल की पारी आज भी लोगो के द्वारा भुलाई नहीं जा सकती।

इसके अतिरिक्त टी20 विश्व कप 2007 में युवराज द्वारा छह गेंदों में छह छक्के जड़ते हुए भारत की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। वहीं युवराज ने साल 2011 के विश्व कप के दौरान भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। जिसके चलते उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से नवाजा गया।

युवराज सिंह के साथ-साथ उनके पिता योगराज सिंह भी पंजाब के तेज गेंदबाजों में माने जाते थे। उन्हें 1980/81 के न्यूजीलैंड दौरे पर टीम में शामिल किया गया था। जहां उनके द्वारा एक टेस्ट खेला गया, और वह 1 विकेट भी हासिल कर सके। यह उनका आखिरी टेस्ट रहा, इसके अतिरिक्त उनके नाम पांच वनडे मैचों में भी 4 विकेट दर्ज हैं।

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