अपने स्पोर्ट्स करियर की शुरुआत करने से पहले Suryakumar Yadav को बैडमिंटन खेलने का बहुत शौक था। मात्र 14 वर्ष की उम्र में सूर्यकुमार बैडमिंटन खेला करते थे, लेकिन मात्र एक कारण के चलते वह इस खेल से बोर होने लगे। इसके बाद उनका रुझान क्रिकेट की तरफ बढ़ा और उन्होंने अपना करियर क्रिकेट में बनाने के बारे में विचार किया। धीरे-धीरे उन्हें इस खेल में बहुत आनंद आने लगा।
इस खेल में वह इतना अधिक विलीन हो गए, कि मात्र 30 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कर 2 साल से कम समय में ‘मिस्टर 360’ की उपाधि अपने नाम करने में कामयाब रहे। लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट में आने तक के पीछे की जो कहानी बताई है, वह बहुत ही दिलचस्प है।
तीनों फॉर्मेट में खेलने की फैंस कर रहे मांग
साल 2021 में भारतीय टीम के लिए पदार्पण करने वाले सूर्यकुमार यादव का नाम इन दिनों सबकी जुबान पर छाया हुआ है। उन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी और अलग-अलग शॉर्ट्स खेल कर लगातार अपने चाहने वालों का दिल जीत लिया है। उनके बेहतरीन फॉर्म को देखते हुए फैंस उन्हें तीनों फॉर्मेट में खेलने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन अभी वह सिर्फ T20 टीम का ही हिस्सा हैं, वनडे में डेब्यू करने के बाद भी आंकड़े कमजोर होने के चलते प्लेइंग इलेवन में वह अपनी जगह नहीं बना सके हैं। इसके साथ-साथ सूर्यकुमार यादव अब तक टेस्ट टीम में भी अपना पदार्पण नहीं कर सके हैं। मैदान के चारों तरफ हर तरह के शॉर्ट्स लगाने की काबिलियत रखने वाले सूर्यकुमार यादव मिस्टर 360 भी कहे जाते है।
कैसे क्रिकेट में करियर बनाने का किया निश्चय
ब्रूट को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने पहले खेल को छोड़कर क्रिकेट की दुनिया को अपनाया। क्रिकेट से अपने करियर की शुरुआत करने से पहले सूर्यकुमार यादव बैडमिंटन खेलते थे, लेकिन फिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने का निश्चय कर लिया।
उन्होंने मात्र 14 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो उसमें उनकी दिलचस्पी बढ़ती ही चली गई। इसका कारण क्रिकेट खेलने के लिए सुबह घर से जल्दी निकलना और देर शाम तक वापस आना था। दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि जब मैं 11 से 13 वर्ष की उम्र में बैडमिंटन खेलता था, तो मुझे घर से अधिक समय तक बाहर रहने का मौका नहीं मिल पाता था, क्योंकि बैडमिंटन खेलने में बहुत ही कम समय लगता था।
जिसके चलते मैंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने के बारे में विचार किया। क्रिकेट में आने के बाद तो मैं अपना स्कूल, ट्यूशन तक बंक कर देता था। क्योंकि मुझे क्रिकेट खेलने में बहुत आनंद आता था।
बैडमिंटन क्यों नहीं आया पसंद
जब सूर्यकुमार यादव से सवाल किया गया, कि आखिर उन्हें बैडमिंटन में दिलचस्पी क्यों नहीं हुई। इस पर सूर्यकुमार यादव ने बताया कि बैडमिंटन एक बहुत ही छोटा खेल है। जिसे खेलने में सिर्फ 40 से 45 मिनट का ही समय लगता है। जिसके चलते में बहुत जल्द घर वापस लौट आता था, जिसके चलते मैं इस खेल से बोर हो उठा, और मैंने क्रिकेट खेलने का निश्चय किया। लेकिन बैडमिंटन भी एक मजेदार खेल है ,और मैं आज भी इसे कुछ समय के लिए खेलता हूं।