वनडे में कभी आउट ना होने वाले इन तीन भारतीय बल्लेबाजों को दिखाया गया टीम से बाहर का रास्ता

प्रत्येक क्रिकेटर जो अपने जीवन में बल्ले और गेंद से प्रदर्शन के बारे में सोचता है, उसका सपना अपने देश की टीम के लिए खेल कर अपने देश का गौरव और सम्मान बढ़ाना होता है। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए हर खिलाड़ी दिन दूनी रात चौगुनी मेहनत करता रहता है।

कहावत है की मेहनत करने से आप अपने मनचाहे मुकाम तक आसानी से पहुंच सकते हैं। लेकिन सच्चाई तो कुछ यह है, कि मेहनत के साथ – साथ किस्मत का होना भी बहुत आवश्यक है, लेकिन कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे हैं जो बदनसीबी का शिकार होने के कारण उन्हें टीम में मौका तो मिलता है, और वह अपने मौके को भुनाते भी हैं लेकिन फिर भी उन खिलाड़ियों को टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है।

आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको तीन ऐसे ही सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के बारे में बताएंगे वनडे टीम में चार्ज तो मिला और वह रन बनाने में भी कामयाब रहे यह खिलाड़ी हर बार नाबाद भी लौटे। लेकिन इसके बाद भी उन खिलाड़ियों को टीम उसे ब्लॉक कर दिया गया।

फैज फजल

फैज फजल का नाम ऐसे खिलाड़ियों में शुमार है, जो टीम इंडिया के लिए भले ही एक मैच खेले हो, लेकिन उस मैच में नाबाद 55 रनों की पारी खेलने में कामयाब रहे।

साल 2016 में जिंबाब्वे के खिलाफ फैज फजल अपना वनडे डेब्यू मैच खेले थे, जिसमें नाबाद 55 रनों की बेहतरीन पारी खेलने के बाद भी यह डेब्यू मैच फजल के लिए वनडे का आखिरी मैच साबित हुआ।

साल 2016 के इस मैच के बाद से टीम से ड्रॉप फैज फजल को दोबारा टीम में जगह नहीं दी गई, लेकिन यह नहीं समझ आई कि आखिर उनका कुसूर क्या रहा है।घरेलू क्रिकेट में यह खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन करता है। अगर उनके आंकड़ों की बात की जाए, तो फजल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 202 पारियां खेलते हुए 41.29 की बेहतरीन औसत के साथ 7888 रन बनाने में कामयाब रहा। इसमें 19 शतक और 36 अर्धशतक भी शामिल है।

भरत रेड्डी

64 वर्ष की आयु पार कर चुके विकेटकीपर बल्लेबाज भारत रेडी उन‌ बदनसीब खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार है, जिन्हें भारतीय टीम की वनडे टीम का टिकट नहीं मिल सका लेकिन उनके नाबाद लौटने के बाद भी टीम से इस खिलाड़ी को ड्रॉप कर दिया गया।

पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में पदार्पण करने वाले भारत रंडी का क्रिकेट करियर मानो शुरुआत में ही खत्म हो गया खेले गए तीन मैचों में वह क्रमश: नाबाद 8, 3 रन बनाने में कामयाब रहे।

इसके बाद भी इस खिलाड़ी को टीम से ड्रॉप कर दिया गया जिसके चलते उनका वनडे कैरियर वही समाप्त हो गया हालांकि भारत इसके बाद 4 टेस्ट मैच खेले जिसमें 9.50 की औसत से 38 रन बनाने में कामयाब रहे।

इस खिलाड़ी का घरेलू क्रिकेट करियर कुछ खास नहीं रहा है, खेली 117 पारियों में 17.78 की बेहतरीन औसत के साथ वह 1743 रन बनाने में कामयाब रहे, 9 अर्धशतक भी इसमें मौजूद थे।

सौरभ तिवारी

साल 2010 में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच विशाखापट्टनम में खेले गए वनडे मैच के दौरान सौरभ तिवारी अपना डेब्यू मैच खेले थे, लेकिन इनका अंतरराष्ट्रीय करियर काफी छोटा रहा है।

सौरव गांगुली 3 मैच खेले, जिसने एक मैच के दौरान तो उन्हें बल्लेबाजी का चांस ही नहीं मिल सका और बाकी दोनों मैचों में वह नाबाद 12, 17 रन बनाने में कामयाब रहे। इस बात में किसी प्रकार का संशय नहीं जताया जा सकता, कि इस खिलाड़ी के अंदर काबिलियत होने के बाद भी उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया था।

अगर सौरभ के फर्स्ट क्लास करियर की बात करें, तो वह बेहतर 43.23 की औसत से 6334 रन बनाने में कामयाब रहे। 17 शतक और 25 अर्धशतक भी इसमें मौजूद है।

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