आईसीसी विमेन अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में शैफाली वर्मा की कप्तानी में सजी भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। दक्षिण अफ्रीका में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर भारतीय महिला अंडर-19 T20 वर्ल्ड कप के खिताब अपने नाम किया तो वहीं भारत ने महिला क्रिकेट में पहली बार आईसीसी ट्रॉफी को जीता है।आपको बता दें कि इससे पहले सीनियर महिला टीम सभी फॉर्मेट में 3 मौके पर वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। लेकिन इस खिताब को जीतने में हर बार नाकामयाब साबित हुई है। भारत की जीत में भोपाल की बेटी ने एक अहम भूमिका निभाई है।
मुकाबले में लगाया विनिंग शॉर्ट
भोपाल की रहने वाली सौम्या को अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय महिला टीम का उपकप्तान बनाया गया था। उनकी बल्लेबाजी ऑलराउंडर ने पूरे टूर्नामेंट में बड़ी बड़ी पारियां तो नहीं खेली। लेकिन छोटी-छोटी पारियों भी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाती हुई साबित हुई। उन्होंने टूर्नामेंट में 112 रन बनाए और 3 विकेट भी लिए। आपको बता दें कि सौम्या ने फाइनल मुकाबले में एक विनिंग शॉट खेला जिससे भारत को जीत हासिल हुई।
कपड़े धोने वाली थपकी से खेलती थी सौम्या
भोपाल की रहने वाली बेटी सौम्या के पिता जिला कलेक्ट्रेट में काम करते थे। तो वह इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने बताया है कि जब उनका परिवार शाहजहानाबाद में रहता था तब समय बहुत ज्यादा छोटी थी वह बचपन में कपड़े धोने वाली थपकी से बल्ला बनाकर खेलती थी और कागज की गेंद का इस्तेमाल करती थी। सौम्या को क्रिकेट खेलने का काफी ज्यादा जुनून था वह मोहल्ले में अक्सर क्रिकेट खेलती हुई दिखाई देती थी उन्हें जब लड़के अपने साथ खिलाने से मना करते थे तो सौम्या काफी ज्यादा दुखी होती थी।
अपनी जिद से छीनी ट्रेनिंग
जब समय का परिवार भोपाल में आकर रहने लगा तो पिता ने बेटी को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवाने का फैसला किया। सौम्या के पिता अपनी बेटी को सुरेश चेनानी की अकैडमी लेकर गए। लेकिन सुरेश ने सौम्या को लड़की होने की वजह से ट्रेनिंग लेने से मना कर दिया जिसकी वजह से सौम्या काफी दुखी हुई और 2 दिन तक रोती रहीं इसके बाद पिता फिर बेटी को लेकर के गए और बेटी की जिद और जुनून को देखकर सौम्या को सुरेश ने ट्रेनिंग देने के लिए हां कर दिया।
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