ज्यादातर लोगों के मन में यही धारणा होती है कि किसी भी राष्ट्रीय का कप्तान एक दिग्गज खिलाड़ी को ही बनाया जाए और काफी मामलों में ऐसा होते हुए भी सबको देखा गया है। अब ऐसे ही कुछ उदाहरण सामने आए हैं। जब टीम का कप्तान किसी नए खिलाड़ी को बनाया गया हो।
हालांकि इसका सबसे पहला और प्रमुख उदाहरण दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ और भारत के लिए महेंद्र सिंह होने हैं। हर खिलाड़ी के लिए अपने देश की राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनना एक गर्व की बात होती है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाले हर खिलाड़ी को कप्तानी कहां नसीब होती है।
तो चलिए आज हम आपको क्रिकेट के कई सारे ऐसे बेहतरीन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जिनका विश्व क्रिकेट में तो काफी नाम हुआ। लेकिन मैंने एक बार भी कप्तान बनने का मौका नहीं मिला।
युवराज सिंह
इस विश्व में सबसे पहला नाम आता है भारतीय टीम के खिलाड़ी युवराज सिंह का। आपको बता दें कि कई मैचों के दौरान टीम इंडिया को जीत के शिखर तक पहुंचाने वाले खिलाड़ी को आज तक टीम का कप्तान नहीं बनाया गया।
हालांकि खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा वनडे मैचों में खेला है टीम इंडिया के लिए युवराज सिंह द्वारा वनडे मैचों में खेले गए मुकाबले 394 खिलाड़ी ने 8701 रन अपने नाम किए थे और गेंदबाजी की अगर बात करें तो उस खिलाड़ी ने 111 विकेट चटकाए हैं।
मुथैया मुरलीधरन
इस लिस्ट में दूसरा नाम आता है मुथैया मुरलीधरन का जहां आपको बता दें कि मुरलीधरन को श्रीलंका के लिए 350 वनडे मैच खेलने का मौका मिला। लेकिन इसके बाद भी खिलाड़ी कभी भी टीम का कप्तान नहीं बनाया गया।
अपने करियर के दौरान खिलाड़ी ने कई सारे मैचों में ताबड़तोड़ गेंदबाजी करते हुए टीम को जीत के शिखर पर पहुंचाया। वनडे क्रिकेट के दौरान इस खिलाड़ी ने 534 विकेट चटकाए हैं और यह इनका सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
क्रिस हैरिस
न्यूजीलैंड का यह ऑलराउंडर खिलाड़ी अपने समय का बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है। आपको बता दें कि न्यूजीलैंड की टीम के लिए खिलाड़ी ने 250 वनडे मैच खेलते हुए 4000 से ज्यादा रन बनाए थे। गेंदबाजी के दौरान इस खिलाड़ी ने 200 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए हैं लेकिन इस खिलाड़ी को भी कभी भी कप्तान बनने का मौका नसीब नहीं हुआ।