अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल 2 एशियाई कप्तान, जो माने जाते हैं काफी तेज
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे सफल 2 एशियाई कप्तान, जो काफी तेज माने जाते थे

क्रिकेट की दुनिया में कोच और कप्तान दोनों को ही सबसे ज्यादा अहम माना जाता है। एक मैदान के अंदर टीम की कमान को संभालता है। तो दूसरा मैदान के बाहर खिलाड़ियों के ऊपर पैनी नज़र रखता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा कई बार देखने को मिला है। जब कप्तान और कोच ने मिलकर टीम को शानदार जीत दिलाने का काम किया हो।

उसकी बातों और योजनाओं को क्रिकेट फील्ड पर लागू करने वाला व्यक्ति कप्तान ही होता है। हार या जीत का सहरा कप्तान के सिर पर बांधने वाला भी कप्तान या कोच ही होता है। इस तरीके से कप्तान पर क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों के साथ लीडर की भी अहम जिम्मेदारी होती है। वैसे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सारे बेहतरीन कप्तान देखने को मिले हैं।

लेकिन टीम इंडिया या अन्य एशियाई टीमों के खिलाड़ियों की अच्छी कप्तानी करते हुए भी कई खिलाड़ियों को देखा गया है। कुछ मौकों पर टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कप्तान को जिम्मेदार भी बताया गया है। यही क्रिकेट के खेल और इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों की एक असली पहचान होती है। तो चलिए आज हम आपको एक लिस्ट में दो बेहतरीन कप्तानों के बारे में बताने वाले हैं। जो काफी चतुर और तेज माने जाते है।

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महेंद्र सिंह धोनी

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम टीम इंडिया के बेहतरीन कप्तान रह चुके महेंद्र सिंह धोनी का आता है। जिन्होंने अपनी चतुराई का इस्तेमाल करते हुए टीम को साल 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज से पहले खुद बल्लेबाजी के लिए आना टीम को चैंपियन बनाना उनका एक बहुत बड़ा फैसला साबित हुआ था। इसके अलावा धोनी डीआरएस लेने या मैदान पर कोई अन्य निर्णय लेने वाले खिलाड़ियों में काफी चतुर थे। अब आईपीएल में उनकी कप्तानी की चतुराई ही मानिए। जिससे उनकी टीम चार बार चैंपियन का खिताब अपने नाम कर चुकी है।

अर्जुन रणतुंगा

एक बेहतरीन और चतुर कप्तान टीम को बेहतर बनाता है और उसका प्रदर्शन भी निकलवा सकता है। यही गुण अर्जुन के अंदर भी है। टीम के साथ हमेशा खड़े रहने वाले अर्जुन बेहद चतुर कप्तान थे। सफेद गेंद क्रिकेट में उनका दिमाग काफी तेजी से चल रहा था। जयसूर्या को टॉप ऑर्डर में प्रमोट करने का निर्णय भी अर्जुन का ही था और आगे चलकर जयसूर्या महान ओपनर भी बने। इसके अलावा भी सफेद क्रिकेट में पहले के 15 ओवर के बाद के ओवरों में बल्लेबाजों को कब लाना है ये उनके अंदर बखूबी आता था यही कारण है कि उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने एक भी अपने नाम किया था

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