Team India
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हर खिलाड़ी Team India में खेलने का सपना देखता है, लेकिन बहुत ही कम लोग अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं। राष्ट्रीय टीम में शामिल होकर हर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाता। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी खिलाड़ी मौजूद होते हैं, जिन्हें टीम की कप्तानी करने का चांस मिल पाता है। कई बार खराब प्रदर्शन के चलते इन‌ खिलाड़ियों को कप्तान पद छोड़ते हुए भी देखा गया है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण मास्टर ब्लास्टर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर है।

भारतीय टीम में कुछ ऐसे कप्तान रहे हैं, जिनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है, इसके साथ ही उन कप्तानों की तारीफ भी बहुत अधिक होती रही है। सबसे सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में कपिल देव, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी का नाम सबसे ऊपर शामिल है। अलग-अलग परिस्थितियों में इन तीनों कप्तानों द्वारा टीम के लिए बतौर कप्तान बेहतरीन प्रदर्शन किया गया था। वही बहुत अधिक लंबे समय तक न टिक पाने वाले कप्तानों में राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले का नाम शामिल है। इन कप्तानों को अधिक समय तक टिकने का चांस नहीं मिला था।

इसके साथ ही दिग्गज खिलाड़ियों वीवीएस लक्ष्मण, जहीर खान को कभी भी कप्तान बनने का चांस नहीं मिल सका। कई बार टीम का नेतृत्व करने का मौका नियमित कप्तान की अनुपस्थिति में अन्य खिलाड़ियों को मिल जाता है। उनकी कप्तानी के दौरान टीम का बेहतर प्रदर्शन देखकर फैंस के द्वारा उन्हें नियमित कप्तान बनाने की मांग भी की जाती है। इस आर्टिकल के जरिए भारतीय टीम के कुछ ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताया गया है, जिन्हें कप्तान बनने का चांस अब कभी नहीं मिल सकेगा।

चेतेश्वर पुजारा

अब तक भारतीय टीम के लिए वनडे और टेस्ट मैच खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा को कप्तानी करने का चांस नहीं मिल सका है। और शायद आगे भी वह कभी कप्तानी करते हुए नजर नहीं आ सकेंगे। 34 वर्षीय चेतेश्वर पुजारा 96 टेस्ट मैच और 5 वनडे मुकाबले खेल चुके हैं। उनसे पहले टेस्ट क्रिकेट में अजिंक्य राहणे कप्तानी करते हुए नजर आए हैं, लेकिन चेतेश्वर पुजारा कभी कप्तानी नहीं कर पाएंगे।

रविचंद्रन अश्विन

भारतीय टीम के इस दिग्गज खिलाड़ी को भी कभी कप्तानी करने का चांस नहीं मिल सका है। 35 वर्षीय अश्विन द्वारा टेस्ट क्रिकेट के दौरान 86 मुकाबले खेले गए, जिसमें वनडे के दौरान उनके नाम 113 मैच दर्ज हैं। टी20 क्रिकेट में भी अश्विन द्वारा टीम इंडिया के लिए 61 मुकाबले खेले गए। अब तक बतौर कप्तान इस खिलाड़ी को एक भी मैच में मैदान पर खड़ा होने का मौका नहीं मिल सका, और शायद आगे भी यह खिलाड़ी टीम इंडिया का कप्तान नहीं बन पाएगा।

रवींद्र जडेजा

भारतीय टीम के लिए तीनों ही प्रारूपों में खेलने वाले 33 वर्षीय खिलाड़ी रवींद्र जडेजा का नाम भी उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्हें कप्तानी करने का मौका नहीं मिल सका है। टीम के लिए तीनों ही प्रारूपों में खेलने वाले रवींद्र जडेजा टेस्ट क्रिकेट के दौरान 60 मैच खेले हैं। वनडे के दौरान जडेजा 171 मुकाबले खेलने में कामयाब रहे। वहीं उनके द्वारा टी20 में 64 मुकाबले खेले गए। लेकिन उन्हें कप्तान बनने का मौका शायद नहीं मिल सकेगा।

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