रणजी ट्रॉफी 2021-22 का फाइनल मैच मध्यप्रदेश और मुंबई के बीच 12 जून यानी कि आज ही के दिन खेला जाना है। आपको बता दें कि इस मुकाबले से पहले मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने अपने क्रिकेट करियर को लेकर के कई सारी बड़ी अहम बातें कही है। उन्होंने कहा है कि जीवन की तरह क्रिकेट में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। हालांकि इसी के साथ शॉ का मानना है कि वह समय पर निर्भर करता है कि उनका प्रदर्शन कब कैसा होने वाला है। उन्होंने टीम इंडिया में सिलेक्शन को लेकर भी कई सारी अपनी मन की भड़ास निकाली है।
मेरे लिए पर्याप्त नहीं है – पृथ्वी शॉ

दरअसल आपको बता दें कि मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने कहा है कि मैंने कुछ तीन अर्धशतक जड़े हैं। लेकिन यह पर्याप्त रूप से मेरे लिए काफी नहीं है और मैं यहां तक कि अर्धशतक जड़ने के बाद किसी ने मुझे बधाई तक नहीं दी। आपको बुरा लगता है इसी के साथ उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कभी-कभी ऐसा होता है। लेकिन जब मुझे बहुत खुशी होती है कि मेरी टीम अच्छा कर रही है। एक कप्तान के रूप में मुझे यहां मेरे साथ आए सभी के खिलाड़ियों के बारे में भी सोचना होता है। मैं हर वक्त अपने बारे में ही नहीं सोच सकता।
क्रिकेट की तरह जीवन में भी होते हैं उतार चढ़ाव

इतना ही नहीं पृथ्वी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि क्रिकेट और जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं और कभी ऐसा नहीं होता कि आप हमेशा ही आगे बढ़ते चले जाएं। इसलिए यह बात से समय पर निर्भर होती है। मैं गेंदों को अच्छी तरह मारने लगूंगा और एक बार फिर बड़ी पारियां खेल लूंगा। लेकिन अभी मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरी टीम अच्छा प्रदर्शन करें और मैं टीम के खेल का लुफ्त उठाते हैं।
मैं टीम इंडिया में वापसी को लेकर नहीं सोच रहा

दरअसल आपको बता दें जब पृथ्वी शॉ से यह पूछा गया कि क्या वह राष्ट्रीय टीम में अपनी वापसी को तवज्जो नहीं देते हैं। तो शॉ ने कहा है कि भारतीय टीम में वापसी के बारे में मैं अभी बिल्कुल भी नहीं सोच रहा हूं। कप जीतना मेरा मुख्य उद्देश्य और इसे जीतने के अलावा मैं किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकता।
आपको बता दें कि पृथ्वी शॉ महज 22 साल के हैं और 33 प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके हैं। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि हर टीम के युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले तो यही कहना चाहूंगा कि मुझे उन पर गर्व है कि वह यहां तक पहुंचे मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मैदान पर उतरकर खेल के युवाओं से कहना चाहता हूं कि उन्हें वही करना है जो करने आए हैं।