HBD KING: पिता की मौत की खबर सुन नहीं थमे कोहली के पैर अगले ही दिन मैच खेलने पंहुचा खिलाड़ी, दुनिया के सवश्रेठ बल्लेबाज बनने का सफर नहीं था आसान
HBD; पिता की मौत की खबर सुन नहीं थमे कोहली के पैर अगले ही दिन मैच खेलने पंहुचा खिलाड़ी, दुनिया के सवश्रेठ बल्लेबाज बनने का सफर नहीं था आसान

क्रिकेट के मैदान में धुआंधार पारी खेलने वाले विराट कोहली आज अपना 34 वां जन्मदिन मना रहे हैं। विराट ने जिस तरीके से अपनी फिटनेस को मेंटेन किया हुआ है उसे देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि विराट 34 साल के हो चुके हैं। दिल्ली की गलियों से निकलकर के क्रिकेट के मैदान तक का यह सफर विराट कोहली के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था।

दुनिया का बेहतरीन और नंबर 1 बल्लेबाज बनने के लिए इस खिलाड़ी ने सिर्फ खूब मेहनत की बल्कि अपनी टेक्निक पर भी काम किया। तो चलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं।

दिल्ली के उत्तम नगर में बीता है बचपन

विराट कोहली दिल्ली के उत्तम नगर में पंजाबी फैमिली कहां पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम प्रेम कोहली था। उनकी मां का नाम सरोज कोहली है हालांकि विराट के दो भाई बहन भी है। विराट की पूरी परवरिश दिल्ली के उत्तम नगर में हुई है उन्होंने महज 9 साल की उम्र में ही वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकैडमी को ज्वाइन कर लिया था और वह समय पहले बैच का हिस्सा हुआ करते थे। राजकुमार शर्मा के अंडर में उन्होंने ट्रेनिंग को लेना शुरू किया था वहीं उसके साथ-साथ उन्होंने वसुंधरा एंक्लेव में सुमित डोगरा अकेडमी में भी मैच खेलना शुरू कर दिया था।

2002 से ही शुरू हो गया था विराट का करियर

विराट ने साल 2002 में दिल्ली अंडर फिफ्टीन के लिए अपना पहला मुकाबला खेला था। उन्होंने उमरीगर ट्रॉफी के दौरान इस मुकाबले को खेला। वही उन्हें साल 2003 -2004 के सीजन में कप्तान भी बनाया गया था। जिसके बाद साल 2004 में विराट कोहली को अंडर-17 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए चुन लिया गया था। वहीँ विराट ने अंडर 17 साल 2004-5 का विजय मर्चेंट ट्रॉफी का सीजन भी जीता था। जिसमें कोहली ने 7 मैच खेलते हुए ताबड़तोड़ तरीके से 757 रन बनाए थे और यह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे।

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मैच खेलने के बाद पिता के अंतिम संस्कार पर पहुंचे थे कोहली

साल 2006 की बात है जब विराट कोहली के पिता का देहांत हुआ था। विराट कोहली का अगले दिन कर्नाटक के खिलाफ मैच था ऐसे में उन्हें तुरंत पिता की मौत की मृत्यु के बाद अगले दिन मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरना था और उन्होंने वह किया कि उन्होंने शानदार तरीके से 90 रनों की पारी खेली। बस यहीं से इस खिलाड़ी की जिंदगी का ऐसा मोड़ आया जहां से उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 2008 में बनाया भारत को अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन

विराट ने साल 2006 के बाद अंडर-19 के लिए डेब्यू किया था। जिसके बाद कुछ समय उनके अच्छे प्रदर्शन के बाद इस खिलाड़ी को साल 2008 में अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम का कप्तान नियुक्त किया और विराट ने अपनी शानदार कप्तानी को दिखाते हुए अंडर-19 में वर्ल्ड कप का खिताब भी टीम को जिताया आईपीएल 2008 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस खिलाड़ी को अपने खेमे में शामिल किया। 19 साल की इस खिलाड़ी को वनडे क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। जिसके बाद इनको धीरे-धीरे अन्य फॉर्मेट में भी मोके मिले।

साल 2011 के वर्ल्ड कप में खेली थी महत्वपूर्ण पारी

विराट कोहली ने साल 2011 के वर्ल्ड कप के दौरान एक शानदार पारी खेली थी। उन्होंने टूर्नामेंट में 282 रन बनाए थे जिसमें उन्होंने ही कर दो शतक भी लगाया था। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ वर्ल्ड कप के फाइनल में 35 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। जो विराट के करियर की अब तक की सबसे सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है।

सहवाग और तेंदुलकर के जल्दी आउट हो जाने के बाद जब टीम इंडिया मुश्किलों में घिरी हुई थी। तो इस खिलाड़ी ने गौतम गंभीर के साथ मिलकर 83 रनों की अहम साझेदारी की थी। जिसकी वजह से पूरे मैच का पासा ही पलट गया था। जिसके बाद मैदान पर बस कोहली का नाम ही गूंज रहा था।

क्रिकेट की राह में आई काफी ज्यादा मुश्किले

कोहली ने अपने शानदार करियर के दौरान दो अलग-अलग चीजें देखी एक जब उन्होंने अपने बल्ले से ताबड़तोड़ प्रदर्शन दिखाया और दूसरा तब जब वह पिच पर एक 1 रन बनाने के लिए तरस रहे थे। साल 2014 में कोहली वर्ल्ड कप के बाद एकदम से आउट ऑफ द फॉर्म चले गए थे। जब उनका बल्ला पूरी तरीके से खामोश हो गया था। साल 2014 के दौरान इंग्लैंड दौरा विराट के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं था।

इंग्लैंड के खिलाफ खिलाड़ी ने पांच टेस्ट मैच खेलते हुए 10 पारियों में 127 रन बनाए थे । जिसके बाद विराट ने अपनी टेक्निक पर बहुत काम किया और इसी साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर अपने बल्ले से जो प्रदर्शन दिखाया। उसने सभी के मुंह पर ताले जड़ दिए टेस्ट सीरीज खेलते हुए खिलाड़ी ने 992 रन बनाए।

वहीं विराट के करियर में दूसरा फेस आया जब वह 3 साल तक एक भी शतक नहीं लगा पाए साल 2022 के सितंबर तक विराट आउट ऑफ द फॉर्म चल रहे थे और लगातार पिच पर संघर्ष कर रहे थे लेकिन एशिया कप 2022 में अफगानिस्तान के खिलाफ खेलते हुए खिलाड़ी ने अपने करियर का 71 वां शतक जड़ा।

एक नजर विराट के कप्तानी रिकॉर्ड पर
विराट कोहली ने भारत के लिए अभी तक 50 T20 95 वनडे और 30 टेस्ट मैचों की कप्तानी की है। जिसमें भारत ने 2020 में 30 वनडे में 65 और टेस्ट मैच 40 मुकाबले अपने नाम किए हैं वहीं बतौर कप्तान विराट कोहली के विनिंग पारी में परसेंटेज 20 में 64.58% , टेस्ट में 58.82% और वनडे में 70.43 % रहा हैं।

कोहली के नाम शामिल है ये ख़िताब

सर गैरफील्ड सोबर्स ट्रॉफी (आईसीसी मेंस क्रिकेटर ऑफ़ द डिकेड) 2011-2020

सर गैरफील्ड सोबर्स ट्रॉफी (आईसीसी क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर ) 2017, 2018

आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ़ द ईयर -2018

ODI प्लेयर ऑफ़ द ईयर- 2012, 2017 और 2018

विसडेन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर- 2016, 2017 और 2018

अर्जुन अवॉर्ड- 2013

पद्मा श्री अवॉर्ड- 2017

राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड- 2018

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