चाय के टेबल पर धोनी-ऋषभ पंत के बीच डिस्कस हो गया था धोनी का रिटायरमेंट, पूर्व फील्डिंग कोच ने किया बड़ा खुलासा
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आईपीएल मैच फिक्सिंग से जुड़े मामले में अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल धोनी ने अपनी याचिका में संपत कुमार पर उच्चतम न्यायालय में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कथित बयान देने के आरोप भी लगाए हैं। इसके और साथ ही संपत कुमार पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने और समन जारी करने की मांग की है। हालांकि इस मामले पर अगली सुनवाई मंगलवार के दिन की जाएगी।

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साल 2014 में दर्ज की गई थी याचिका

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक धोनी ने साल 2014 में तत्कालीन पुलिस निरीक्षक संपत कुमार को मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग में धोनी से जुड़ा कोई भी बयान देने पर रोक लगाने के लिए दीवानी मुकदमा दायर किया था। उन्होंने अदालत से हर्जाने के तौर पर 100 करोड़ का भुगतान करने का भी अनुरोध किया था। तब अदालत ने 18 मार्च 2024 को अंतरिम आदेश पारित करके संपत कुमार पर धोनी के खिलाफ किसी भी तरीके के बयान देने पर रोक लगा दी थी।

आईपीएस अधिकारी ने लगाए थे गंभीर आरोप

हालांकि इन सबके बाद भी संपत कुमार ने कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय के पास हलफनामा दायर किया। जिसमें न्यायपालिका और इस मामले में उनके खिलाफ राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के खिलाफ उन्होंने अपमानजनक टिप्पणी करके कई सारी बातें कही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक संपत ने कथित तौर पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मुद्गल का मीटिंग के कुछ हिस्सों को सील बंद रखने का फैसला किया था और उसे स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को उपलब्ध भी नहीं कराया गया था।

साल 2013 में हुआ था विवाद

दरअसल ये घटना साल 2013 की है जब आईपीएल के अंदर मैच फिक्सिंग का विवाद सामने आया था। जिसमें राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी श्रीसंत अजीत चंदीला और अंकित पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगाए गए थे। जिसकी जांच के बाद सट्टेबाजी की बातें भी सामने आई।

जिसमें राजस्थान के तत्कालीन सह मालिक राज कुंद्रा और सीएसके की मालकिन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ को भी दोषी पाया जाता है। मामलें स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस मुदगल के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। जिसकी सिफारिश के बाद में राजस्थान और सीएसके को दो-दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

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