भारतीय क्रिकेट में कई सारी ऐसी ऐतिहासिक पारियां हुई है। जो कभी भी भूली नहीं जा सकती हैं। उन्हीं में से एक है, 29 मार्च 2004 को खेली गई टेस्ट पारी। आपको बता दें टेस्ट के दूसरे दिन सहवाग टेस्ट क्रिकेट में 309 रनों की बेहतरीन पारी खेलते हुए तिहरे शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। लेकिन उस समय टीम के कप्तान रहे राहुल द्रविड़ ने 161.5 ओवर में 657/5 पर पहली पारी घोषित करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि पारी की घोषणा के कारण सचिन तेंदुलकर उस समय 194 रन बनाकर नाबाद वापस आ गए थे और उनके दोहरे शतक में महज 6 रन की कमी थी।
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होम ऑफ हीरोज में किया खुलासा

युवराज सिंह ने स्पोर्ट्स चैनल को दिए इंटरव्यू में उस दिन को याद किया और कहा कि मैं आपको पूरी बातचीत बताता हूं, उन्होंने इस खास बातचीत के दौरान बताया कि हमें मैच के दौरान ही बीच में यह बता दिया गया था कि हमें तेजी के साथ खेलना है और इसी के साथ ही हम पारी की घोषणा भी करने जा रहे हैं। हालांकि हम 1 ओवर के अंदर 6 रन बना सकते थे। मुझे नहीं लगता कि एक दो बार ज्यादा खेलने से कुछ खास फर्क भी पड़ने वाला था लेकिन उससे पहले ही पारी घोषित करने का फैसला कर लिया गया था।
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एक ओवर में बन सकते थे 6 रन
अपने पहले टेस्ट अर्धशतक पर पहुंचने से पहले ही यह खिलाड़ी आउट हो गए थे और कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी की घोषणा कर दी थी हालांकि आपको बता दें कि युवराज ने 66 गेंदों के द्वारा ने अपनी पारी में आठ चौकों की मदद से 59 रन बनाए थे। सचिन उस समय 194 रनों के निजी स्कोर पर थे और क्रीज पर बने हुए थे। सचिन ने पहली पारी में 348 गेंद खेली और 21 चौके लगाए थे, इतना ही नहीं 40 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि सचिन एक ओवर में 6 रन बना सकते थे और हमने उनके बाद 8 से 10 ओवर फेंके। मुझे नहीं लगता कि एक दो बार से टेस्ट मैच पर कोई खास फर्क पड़ने वाला था, हालांकि युवराज ने यह भी बताया कि द्रविड़ के घोषणा करने के बाद मैंने सचिन को काफी ज्यादा निराश देखा।
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बेहतरीन खिलाड़ियों से भरी टीम में रन बनाना होता है मुश्किल

इतना ही नहीं युवराज सिंह ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि अब आपकी टीम बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ भरी होती है, तो उसमें आपका रन बनाना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि उनमें एक प्लेइंग इलेवन में एक निश्चित स्थान नहीं मिला था। 2019 में वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले खिलाड़ी को लगा कि भारत के लिए 100 टेस्ट मैच खेलना उनकी किस्मत में ही नहीं है।
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