भारत के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह काफी समय से सुर्खियों में बने हुए हैं। एक बार फिर से वह मीडिया में छा गए हैं दरअसल एक महीने पहले करीब उन्होंने बयान दिया था कि वह किस तरीके से भारतीय टीम का कप्तान बनने के लिए तैयार थे। लेकिन ग्रेग चैपल विवाद में वह अपने साथियों का साथ देने की वजह से कैप्टन बनने से चूक गए। हालांकि टीम इंडिया में युवराज के साथ ही रहे हरभजन सिंह ने चैपल विवाद बताने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद भज्जी ने युवराज के कप्तान होने की संभावना पर विचार किया था बताया था कि अगर भारत के कप्तान होते तो क्यों वह महान कप्तान साबित होते हैं।
भज्जी ने इंटरव्यू के दौरान कहीं यह बात

भज्जी ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी बात को कहा है उन्होंने बताया है कि यदि युवराज सिंह टीम के कप्तान होते तो हमें और जल्दी उठना और सोना पड़ सकता था। युवराज सिंह की कप्तानी में हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती युवराज सिंह भारतीय टीम के एक महान कप्तान भी होते इतना ही नहीं उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाया और कहा साल 2007 में T20 वर्ल्ड कप मैच 2011 मैच क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतकर भारत ने इतिहास रच दिया था। इन दोनों ही वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था। युवी का यह रिकॉर्ड खुद अपने आप में बहुत कुछ बोलता है।
सबसे पहले देश के बारे में सोचना होता है
जब भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी भज्जी से पूछा कि अगर युवी टीम इंडिया के कप्तान होते तो क्या कुछ सीनियर खिलाड़ियों का करियर लंबा होता तो इसका जवाब देते हुए भज्जी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर युवराज कप्तान होते तो हमारा कम कर यार कोई लंबा होता। क्योंकि हमने जो भी खेलना है। वह अपनी काबिलियत पर खेला है और किसी भी कप्तान ने हमें बाहर होने से नहीं बचाया। जब भी आप देश के लिए कप्तानी करते हैं। तो आपको अपनी दोस्ती को एक तरफ रखना पड़ता है। सिर्फ और सिर्फ देश के बारे में सोचने क्या ख्याल रखना पड़ता है।