इन पांच खिलाड़ियों का करियर हुआ Chetan Sharma के कारण बर्बाद, जिता सकते थे वर्ल्ड कप
इन 5 खिलाड़ियों का करियर हुआ Chetan Sharma के कारण बर्बाद, जिता सकते थे वर्ल्ड कप

T20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। सेमीफाइनल मुकाबले तक पहुंचते-पहुंचते भारतीय टीम का सफर खत्म हो गया ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बोर्ड द्वारा बड़ा फैसला लिया जा सकता है और बीते दिनों बीसीसीआई द्वारा मुख्य चयनकर्ता Chetan Sharma सहित पूरे चयन समिति ही बर्खास्त कर दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक चेतन शर्मा को बाहर करने का मुख्य कारण सीधे तौर पर खिलाड़ियों का गलत चयन बताया जा रहा है आज ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिनका अच्छा प्रदर्शन होने के बाद भी चेतन शर्मा द्वारा लगातार नजरअंदाज करते हुए उनका कैरियर बर्बाद कर दिया गया।

राहुल त्रिपाठी

अपने पदार्पण का इंतजार कर रहे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी को लगातार बेहतर प्रदर्शन के बाद भी चेतन शर्मा नजरअंदाज करते रहे।

साल 2017 में राहुल आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स के लिए अपना पदार्पण कर सके थे पहले सीजन में उनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा इसके बाद प्रत्येक सीजन में उन्हें कम चांसेस मिलने के बाद भी वह बेहतर प्रदर्शन करते रहे। पिछले साल 2022 में राहुल 37 से अधिक की औसत से 413 रन बनाने में कामयाब रहे जिससे 3 अर्धशतक भी मौजूद थे लेकिन इसके बाद भी भारतीय टीम द्वारा उन्हें चांस नहीं दिया जा सका।
मौजूदा समय में राहुल विजय हजारे ट्रॉफी में भी महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए 4 मैचों में 114 के एवरेज से 344 रन बनाने में कामयाब रहे इसके साथ-साथ उन्होंने इस दौरान 2 शतक और 1 अर्धशतक भी जड़ा।

चेतन शर्मा द्वारा कई खिलाड़ी के फ्लॉप प्रदर्शन के बाद भी उन्हें लगातार चांस मिलते रहे लेकिन राहुल जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी सिर्फ मैदान के बाहर ही मौके के इंतजार में बैठे रहे ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अगर चेतन शर्मा चयन समिति का हिस्सा नहीं होते, तो राहुल को अपने पदार्पण का इतना लंबा इंतजार ना करना होता।

 

कुलदीप यादव

साल 2017 में भारतीय टीम के लिए अपना पदार्पण करने वाले कुलदीप यादव किसी समय टीम के टेस्ट और वनडे टीम के नियमित सदस्य के तौर पर लगभग 1 सीरीज के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते नजर आते थे। भारतीय सरजमीं पर कई मौकों के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने भारत को जीत भी दिलाई। साल 2020 तक भारत के तीनों ही फॉर्मेट में खेल चुके कुलदीप यादव का करियर काफी बेहतर चल रहा था लेकिन अचानक ही उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

साल 2020 में ही चेतन शर्मा ने चयनकर्ता के पद पर आकर अपने कार्यभार को संभाला था। अब तक आईपीएल के 59 मुकाबलों में कुलदीप 61 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। जिनमें साल 2020 और 2019 में काफी कम मैचों में उन्हें चांस दिया गया था। साल 2017 से 2019 तक भारतीय टीम के लगभग प्रत्येक मैच में गेंदबाजी करने वाले कुलदीप यादव पिछले 2 सालों से अपनी जगह को लेकर टीम में तरसते नजर आ रहे हैं।

पृथ्वी शॉ

साल 2018 में भारतीय टीम के लिए अपना पदार्पण करने वाले पृथ्वी शॉ अगले वीरेंद्र सहवाग माने जा रहे हैं। जिन्होंने अपनी टेस्ट डेब्यू की पहली पारी के दौरान शतक जड़ते हुए सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया था। यह खिलाड़ी पहले टेस्ट में 134 और 70 रनों की पारी खेलने में कामयाब रहा, लेकिन शानदार शुरुआत के बाद भी लगभग 1.5 बाद पृथ्वी को टीम के लिए न्यूजीलैंड सीरीज में खेलने का चांस मिल सका।

उस सीरीज के दौरान भी वह बेहतर प्रदर्शन करते हुए एक अर्धशतकीय पारी खेलने में कामयाब रहे, लेकिन एक बार फिर इस खिलाड़ी को टीम से ड्रॉप कर दिया गया। साल 2021 में आईपीएल के दौरान पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा, लेकिन साल 2022 में वह बेहतरीन बल्लेबाजी वह कर रहे थे, पर चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए उनका घरेलू प्रदर्शन भी काफी बेहतरीन और शानदार रहा है।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अब तक में 11 शतक सहित 36 मैचों में लगभग 50 की औसत के साथ 3084 रन बनाने में कामयाब रहे। जबकि लिस्ट ए में भी वह 49 मैचों में उनके बल्ले से 8 शतक के साथ 53.76 की औसत से 2473 रन बना सके। इतने बेहतर प्रदर्शन के बाद भी न्यूजीलैंड सीरीज के लिए पृथ्वी शॉ को एक बार भी नहीं चुना गया। जबकि कई सीनियर खिलाड़ियों के आराम के चलते युवा खिलाड़ियों को चांस दिया जा सकता था।

खलील अहमद

हमेशा से ही भारतीय टीम को एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की तलाश रही है, और यह तलाश खलील अहमद के तौर पर खत्म होती नजर आ रही थी। लेकिन एक बार फिर चयनकर्ताओं की नजरअंदाजी के कारण खलील अहमद का करियर पटरी पर नहीं आ सका। साल 2018 में भारतीय टीम के लिए अपना पदार्पण करने वाले खलील अहमद वनडे और टी-20 फॉर्मेट खेले हैं।

साल 2018 में भारत के लिए लगभग कई मुकाबलों के दौरान उन्होंने विकेट चटकाए हो फिर बात चाहे वनडे की हो रही हो या T20 क्रिकेट की, किफायती गेंदबाजी के साथ-साथ उन्होंने कप्तान को नियमित विकेट भी चटका कर दिए है।

खलील के स्थान पर कई अन्य युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया, जो टीम में खराब प्रदर्शन के चलते शामिल हुए और चले भी गए, लेकिन खलील अहमद को एक बार भी दोबारा नीली जर्सी पहनने का चांस नहीं मिल सका। अगर आईपीएल की बात की जाए, तो आईपीएल 2022 में खलील द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 10 मैचों में 16 विकेट अपने नाम किए गए। उम्मीद जताई जा रही है, कि लगातार चेतन शर्मा की नजरअंदाजी का शिकार हुए खलील अहमद भारत के लिए शायद ही जल्द मुकाबले खेलते नजर आए।

शिखर धवन

इस लिस्ट में एक और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का नाम शामिल है। मिस्टर आईसीसी के नाम से मशहूर शिखर धवन के करियर में भी चेतन शर्मा की चयनकर्ता समिति के चलते गिरावट नजर आई। किसी समय भारत के नियमित सलामी बल्लेबाज के तौर पर तीनों ही फॉर्मेट में खेलने वाले शिखर धवन कई महीनों से टीम से दूर चल रहे हैं।

वही उनके आंकड़ों को देखते हुए उन्होंने हमेशा से ही ताबड़तोड़ प्रदर्शन किया है। भारत के लिए 34 टेस्ट 161 वनडे और 68 टी20 मुकाबले खेलने वाले शिखर धवन पिछले 1 साल से सिर्फ वनडे मैच ही खेले हैं। साल 2021 में धवन सिर्फ तीन टी-20 मैच और साल 2020 में से छह T20 मैच ही खेल सके। इन 9 मैचों में 5 बाद 30 का आंकड़ा पार करते हुए वह तीन अर्धशतक जड़ने में कामयाब रहे।

इतने जबरदस्त प्रदर्शन के बाद भी वर्ल्ड कप के लिए शिखर धवन के नाम की चर्चा तक नहीं हो सकी। कहा जा सकता है कि चेतन शर्मा की नजरअंदाजी का शिखर धवन के करियर पर बहुत बड़ा असर पड़ा है।

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