भारत के ऐसे 3 Cricket Stadium, जहां नहीं हो सका पिछले 10 सालों से एक भी मैच
भारत के ऐसे 3 Cricket Stadium, जहां नहीं हो सका पिछले 10 सालों से एक भी मैच

शुरुआत से ही क्रिकेट का खेल दर्शकों का पसंदीदा खेल माना जाता है। और हमेशा से ही क्रिकेट को देखने के लिए मैदान (Cricket Stadium) पर दर्शकों की भीड़ उमड़ आती हैं। हालांकि इंडियन क्रिकेट टीम के फैंस अपने चहेते खिलाड़ी की एक झलक पाने के लिए मैदान के अंदर और बाहर भीड़ इकट्ठा कर देते हैं। दर्शकों का अपने चहेते खिलाड़ियों को इस कदर प्यार करना इन खिलाड़ियों के खेल और प्रदर्शन का ही नतीजा माना जाता है।

क्रिकेट के चहेते दर्शक छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक छाए रहते हैं। हालांकि गांव और कस्बों में किसी भी फैंस के लिए स्टेडियम में जाकर क्रिकेट मैच देखना कठिन होता है, लेकिन उनके द्वारा शहर जाकर एक दिन पहले ही मैच का आनंद उठाने का इंतजाम कर लिया जाता है।

भारतीय क्रिकेट हर राज्य के अलग-अलग शहरों के क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाता है। कुछ ऐसे भी राज्य मौजूद हैं, जिनमें 3 या उससे अधिक विकेट स्टेडियम होते हैं। इनमें महाराष्ट्र और गुजरात का नाम सबसे प्रमुख है, इसके साथ साथ कई नए शहरों में भी क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया गया है, जिसमें देहरादून और लखनऊ का नाम सबसे प्रमुख है।

हालांकि इसके साथ साथ रांची धर्मशाला और रायपुर के क्रिकेट स्टेडियम भी नए ही हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे भी क्रिकेट स्टेडियम हैं, जिनके स्थान पर नए स्टेडियमों का निर्माण किया गया है। इसका सबसे मुख्य उदाहरण अहमदाबाद का मोटेरा स्टेडियम है। इसमें नागपुर का विदर्भ क्रिकेट ग्राउंड भी शामिल है।इसके अतिरिक्त ऐसे कई क्रिकेट स्टेडियम मौजूद है, जिनमें काफी सुधार किया जा चुका है। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी क्रिकेट स्टेडियम मौजूद हैं, जहां कई सालों से मैच संपन्न नहीं हुए हैं।

अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो उन क्रिकेट स्टेडियम को भुला ही जा चुका है। 10 से 15 साल तक का लंबा समय बीतने के बाद भी उन‌ स्टेडियमों में कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला जा सका। नए मैदानों की चकाचौंध के आगे यह पुराने क्रिकेट स्टेडियम कहीं लुप्त हो गए हैं। इनमें से तीन चुनिंदा स्टेडियमों के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। जिनमें 10 वर्ष से अधिक समय से एक भी मैच नहीं खेला गया।

कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम, ग्वालियर

यह स्टेडियम वही स्टेडियम है, जिसमें सचिन तेंदुलकर द्वारा विश्व क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जड़ा गया था। यह मैच साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गया था, इसके बाद से इस मैदान पर कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला गया। इस स्टेडियम की जगह इंदौर का स्टेडियम ले चुका है जहां मैच खेले जाने लगे हैं। अब इस शानदार स्टेडियम को अनदेखा किया जा रहा है।

कीनन स्टेडियम जमशेदपुर

साल 2006 में अंतिम बार इस स्टेडियम पर भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे मैच खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम को इंग्लैंड द्वारा हराया गया था। इसके बाद से अब तक इस स्टेडियम पर कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला गया। इस स्टेडियम को रांची में बने स्टेडियम के बाद से अनदेखा किया जाने लगा। कई क्रिकेट प्रेमी तो यहां तक भूल गए हैं, कि आखिर इस स्टेडियम पर अंतिम बार कब मैच संपन्न हुआ था।

बरकतुल्लाह खां स्टेडियम जोधपुर

इस मैदान पर 18 सालों से एक भी मैच नहीं खेला गया। साल 2002 में इस स्टेडियम पर अंतिम बार भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे मैच खेला गया था। जिसमें भारतीय टीम वेस्टइंडीज को हराने में कामयाब रही। इस स्टेडियम की अहमियत जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम को अधिक इंपॉर्टेंस देने के कारण कम हो गई है। इंटरनेशनल लेवल का स्टेडियम होने के बाद भी इस स्टेडियम पर एक भी मैच नहीं खेले गए। अभी हाल ही में इस मैदान पर लीजेंड्स लीग क्रिकेट के मुकाबले खेले गए, लेकिन यह मुकाबले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई महत्व नहीं रखते हैं।

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